रूस ने यूक्रेन पर अपने पूर्ण पैमाने पर शुरू किए गए 2022 के आक्रमण के बाद अब तक का सबसे बड़ा हवाई हमला किया है। गुरुवार की रात, मॉस्को ने यूक्रेन की राजधानी कीव पर 539 ड्रोन और 11 मिसाइलों से हमला किया, जिससे लगभग हर ज़िला प्रभावित हुआ और कम से कम 23 लोग घायल हो गए।
यह हमला ऐसे समय में हुआ जब अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच फोन पर बातचीत हुई थी। इस हमले के तुरंत बाद, राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की ने तीखी प्रतिक्रिया दी और इसे “क्रूर और नींद उड़ाने वाली रात” बताया।
कीव पर आठ घंटे तक चला हमला
यूक्रेनी वायुसेना के अनुसार, इस रात को लगातार आठ घंटे तक हवाई हमले की चेतावनी की सायरन गूंजती रही। कीव के हर जिले में धमाकों की आवाजें सुनी गईं। यूक्रेनी वायुसेना ने अपने टेलीग्राम चैनल पर जानकारी दी कि 478 रूसी हवाई उपकरणों को मार गिराया या निष्क्रिय किया गया।
बचाव और राहत कर्मियों के अनुसार, कीव के शेवचेनकिव्सकी, होलोसीव्सकी, और दार्नित्स्की जिलों में सबसे अधिक नुकसान हुआ है। कई इमारतों की खिड़कियां टूट गईं, और कुछ क्षेत्रों में बिजली की आपूर्ति प्रभावित हुई।
रूस पर पलटवार: यूक्रेनी ड्रोन ने मास्को के पास पावर सबस्टेशन को निशाना बनाया
इस हमले के अगले ही दिन, शुक्रवार को यूक्रेनी ड्रोन ने मास्को के पास एक पावर सबस्टेशन को निशाना बनाया। रूस के आंद्रेई वोरोब्योव, जो कि उस क्षेत्र के गवर्नर हैं, ने पुष्टि की कि इस हमले में दो लोग घायल हुए हैं। यह यूक्रेन की ओर से एक प्रतीकात्मक जवाबी कार्रवाई मानी जा रही है।
ट्रंप-पुतिन कॉल के बाद हमला, अमेरिका की कड़ी प्रतिक्रिया
यह हमला तब हुआ जब राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और पुतिन के बीच गुरुवार रात फोन पर बातचीत हुई थी। ट्रंप ने शुक्रवार सुबह पत्रकारों से बात करते हुए कहा:
“मैं राष्ट्रपति पुतिन से की गई बातचीत से बहुत निराश हूं। मैं नहीं मानता कि वह युद्ध रोकना चाहते हैं, और यह वाकई दुर्भाग्यपूर्ण है।”
ट्रंप ने यह भी संकेत दिया कि रूस की मंशा इस समय संघर्ष रोकने की नहीं है।
ज़ेलेंस्की ने बढ़ाया पश्चिमी दबाव का आग्रह
राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की ने शुक्रवार को एक्स (पूर्व ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए कहा:
“ये हमले स्पष्ट रूप से दिखाते हैं कि जब तक रूस पर वास्तविक, बड़े पैमाने पर दबाव नहीं डाला जाएगा, वह अपनी मूर्खतापूर्ण और विनाशकारी नीति को नहीं बदलेगा।”
उन्होंने यह भी बताया कि कीव के अलावा डनिप्रो, सुमी, खारकीव और चेर्नीहीव क्षेत्रों में भी रातभर रूसी हमले हुए।
यरमक का आरोप: “पुतिन तब तक मारता रहेगा, जब तक उसे अनुमति मिलती रहेगी”
ज़ेलेंस्की के शीर्ष सलाहकार आंद्रेई यरमक ने कहा:
“पुतिन की मंशा है कि वह तब तक यूक्रेनियों की हत्या करता रहे जब तक दुनिया उसे रोकने के लिए एकजुट नहीं होती। हमें केवल सहानुभूति नहीं, वास्तविक कार्रवाई चाहिए।”
पोलैंड की तीखी टिप्पणी: “पुतिन, ट्रंप की कोशिशों का मज़ाक उड़ा रहा है”
पोलैंड के विदेश मंत्री राडोस्वाव सिकोर्स्की ने इस हमले पर तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने एक्स पर लिखा:
“पुतिन अमेरिका की अगुवाई में चल रही संघर्षविराम कोशिशों का मज़ाक उड़ा रहा है। कृपया यूक्रेन को एंटी-एयरक्राफ्ट मिसाइलों की आपूर्ति तुरंत बहाल करें और रूस पर कड़े नए प्रतिबंध लगाएं।”
अमेरिका ने रोकी कुछ सैन्य मदद
इस हमले से ठीक पहले, अमेरिकी रक्षा विभाग (पेंटागन) ने यह घोषणा की थी कि वह यूक्रेन को कुछ सैन्य सहायता जैसे एयर डिफेंस मिसाइल और गाइडेड आर्टिलरी गोले की आपूर्ति पर अस्थायी रोक लगाएगा।
पेंटागन प्रवक्ता सीन पार्नेल ने कहा:
“हम अपने गोला-बारूद के भंडार का मूल्यांकन कर रहे हैं और इसलिए कुछ आपूर्ति अस्थायी रूप से रोकी गई है। यह निर्णय अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा प्राथमिकताओं के तहत लिया गया है।”
हालांकि इस फैसले की समय-सीमा या समीक्षा प्रक्रिया के बारे में विस्तार से कुछ नहीं कहा गया।
रूस की आक्रामकता क्यों बढ़ रही है?
हाल के हफ्तों में रूस ने यूक्रेन पर हमले तेज़ कर दिए हैं। सिर्फ पिछले सप्ताह ही एक और रिकॉर्ड हवाई हमला हुआ था, जिसमें दर्जनों ड्रोनों और मिसाइलों का इस्तेमाल किया गया।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह बढ़ी हुई आक्रामकता एक रणनीतिक संदेश भी है – पश्चिम की मदद में कमी आने पर रूस अपनी पकड़ और मजबूत करेगा। साथ ही यह भी संकेत है कि रूस अब यूक्रेनी राजधानी को सीधे निशाना बनाकर दबाव बनाना चाहता है।
पश्चिमी एकता की परीक्षा
इस समय यह संकट अमेरिका और यूरोपीय देशों की एकता और तत्परता की परीक्षा बन चुका है। जहां एक ओर यूक्रेन अपनी सुरक्षा के लिए निरंतर हथियार और वित्तीय मदद की मांग कर रहा है, वहीं दूसरी ओर कुछ देशों में घरेलू राजनीतिक मुद्दों के चलते समर्थन की रफ्तार धीमी हो रही है।
निष्कर्ष: दबाव या युद्धविराम?
रूस द्वारा कीव पर किए गए इस अभूतपूर्व हमले के बाद यह स्पष्ट हो गया है कि रूस की ओर से कोई आत्म-नियंत्रण नहीं दिखाया जा रहा है। पश्चिमी देशों को अब यह तय करना होगा कि क्या वे केवल बयान देकर संतोष करेंगे या वास्तव में रूस पर बड़े पैमाने पर सैन्य और आर्थिक दबाव बनाएंगे।
यूक्रेन की जनता और नेतृत्व अब सहानुभूति नहीं, ठोस कार्रवाई मांग रहे हैं – और आने वाले हफ्तों में यह देखा जाएगा कि दुनिया इस मांग को कैसे जवाब देती है।
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