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सैफ अली खान पर हमले के बाद पहली बार बोलीं करीना कपूर: “अब तक उबर नहीं पाई हूं उस सदमे से”

Kareena Kapoor spoke for the first time after the attack on Saif Ali Khan: "I have not yet recovered from that shock"

16 जनवरी 2025 की वो सुबह, बॉलीवुड के लिए किसी डरावने सपने से कम नहीं थी। देश के चहेते अभिनेता सैफ अली खान को उनके मुंबई स्थित आवास पर एक अज्ञात हमलावर ने चाकुओं से छह बार वार किया। इस हमले में सैफ की रीढ़ की हड्डी, गर्दन और हाथों पर गंभीर चोटें आईं। आनन-फानन में उन्हें लीलावती अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां 2.5 घंटे तक उनकी न्यूरो सर्जरी और प्लास्टिक सर्जरी की गई।

इस हमले के बाद पूरे देश में चिंता और आक्रोश का माहौल था। लेकिन इस घटना का सबसे गहरा असर उनके परिवार — पत्नी करीना कपूर और दोनों बेटों तैमूर (8 वर्ष) और जेह (4 वर्ष) — पर पड़ा, खासकर इसलिए क्योंकि जेह उस वक्त घटनास्थल पर मौजूद था।

अब, महीनों की चुप्पी के बाद, करीना कपूर ने वरिष्ठ पत्रकार बARKha Dutt के साथ Mojo Story के एक विशेष साक्षात्कार में पहली बार इस दिल दहला देने वाली घटना पर खुलकर बात की। यह बातचीत न केवल एक पत्नी और मां के रूप में उनके दर्द को बयां करती है, बल्कि उस मानसिक संघर्ष की भी झलक देती है जिससे उनका परिवार अभी भी जूझ रहा है।


“अब तक पूरी तरह से सामान्य नहीं हो पाई हूं” – करीना कपूर

बातचीत की शुरुआत में ही करीना कपूर ने साफ किया कि वह आज भी उस घटना को पूरी तरह भुला नहीं पाई हैं। उन्होंने कहा:

“हम अब तक उससे पूरी तरह से उबर नहीं पाए हैं, कम से कम मैं तो बिल्कुल नहीं। डर अब भी अंदर कहीं बैठा हुआ है। शुरुआती महीनों में बहुत बेचैनी थी, नींद नहीं आती थी, सामान्य होना बहुत मुश्किल था। समय के साथ स्मृतियाँ थोड़ी-थोड़ी धुंधली होती हैं, लेकिन जो असर होता है, वो आपके अंतर्मन में बस जाता है।”

करीना ने बताया कि यह अनुभव किसी के अपने को खोने जैसा था। उन्होंने इसे उस दर्द से जोड़ा, जब कोई करीबी दुनिया छोड़ देता है — जहां आप समय के साथ आगे बढ़ते हैं, लेकिन पूरी तरह कभी नहीं भूल पाते।


“मैं नहीं चाहती कि मेरे बच्चे डर में जिएं”

एक मां होने के नाते करीना की चिंता अपने बच्चों को लेकर भी रही। उन्होंने कहा:

“मैं नहीं चाहती कि मेरे बच्चे डर में जिएं। उन पर ऐसा मानसिक दबाव डालना गलत होगा। हां, मेरे पति पर हमला हुआ, लेकिन मैं मां भी हूं। मुझे अपने बच्चों के लिए मजबूत रहना है। ये संतुलन बना पाना आसान नहीं था।”

करीना ने यह भी बताया कि शुरुआती दौर में उन्हें गहरे मानसिक तनाव का सामना करना पड़ा, लेकिन उन्होंने धीरे-धीरे खुद को संभालने की कोशिश की। “मैं खुश हूं, ईश्वर की आभारी हूं कि सैफ हमारे साथ हैं,” उन्होंने कहा।


“हम पहले से कहीं ज़्यादा मजबूत हुए हैं”

इस घटना ने करीना और उनके परिवार को बेशक हिला दिया, लेकिन इसके साथ ही उन्हें एकजुट होने और जीवन को नए नज़रिए से देखने की शक्ति भी दी। उन्होंने कहा:

“हम पहले से कहीं ज़्यादा मजबूत हुए हैं। मैं चाहती हूं कि मेरे बेटे ऐसे पुरुष बनें जो कठिनाइयों में भी डटे रहें। उन्होंने अपने पिता को हमले के बाद भी खड़ा होते देखा है। मेरा छोटा बेटा अब भी कहता है — ‘माय फादर इज़ आयरन मैन।’ हमारे लिए सैफ अब सुपरहीरो हैं।”

करीना का मानना है कि यह अनुभव उनके बेटों को जीवन के प्रति एक अलग नजरिया देगा और उन्हें भावनात्मक रूप से ज़्यादा मज़बूत बनाएगा।


“मुझे सैफ की आंखों में मौत दिखी थी”

बातचीत के एक बेहद भावुक क्षण में करीना ने उस समय को याद किया जब वह अस्पताल पहुंची थीं:

“जब मैंने सैफ को देखा, तो उनकी आंखों में दर्द के साथ डर भी था। वो बोल नहीं पा रहे थे, लेकिन उनकी आंखें बहुत कुछ कह रही थीं। मुझे लगा मैं उन्हें खो दूंगी।”

करीना ने यह भी बताया कि सैफ की सर्जरी के समय वह ऑपरेशन थिएटर के बाहर घंटों बैठी रहीं। “हर मिनट ऐसा लग रहा था जैसे समय रुक गया हो,” उन्होंने कहा।


बच्चों के लिए सबसे मुश्किल समय

जहां करीना खुद इस घटना से उबरने की कोशिश कर रही थीं, वहीं उन्हें अपने बेटों के मानसिक स्वास्थ्य का भी ध्यान रखना पड़ा। जेह के लिए यह अनुभव विशेष रूप से कठिन रहा, क्योंकि वह घटनास्थल पर था।

“जेह बहुत डरा हुआ था। कई हफ्तों तक वो चुपचाप बैठा रहता था, कोई सवाल नहीं करता था। तैमूर थोड़ा बड़ा है, उसने सवाल किए और हमने कोशिश की कि सच्चाई के साथ लेकिन सहज भाषा में उसे जवाब दें।”

करीना ने बताया कि उन्होंने बच्चों को थैरेपी भी दिलवाई और परिवार के साथ ज्यादा समय बिताने पर जोर दिया, जिससे बच्चों को स्थिरता का एहसास हो सके।


“मैं चाहती हूं कि सैफ को न्याय मिले”

करीना ने इस इंटरव्यू के अंत में यह भी कहा कि उन्हें पूरी उम्मीद है कि जांच एजेंसियां सच्चाई सामने लाएंगी और सैफ पर हमले की साजिश में शामिल लोगों को सजा दिलाएंगी।

“जो भी जिम्मेदार है, उसे कानून के दायरे में लाया जाना चाहिए। सैफ पर हमला किसी एक व्यक्ति पर नहीं, बल्कि पूरे सिस्टम, समाज और विश्वास पर हमला है।”


निष्कर्ष: एक मां, एक पत्नी और एक महिला की जीत

करीना कपूर की यह बातचीत सिर्फ एक सेलिब्रिटी का बयान नहीं है — यह उस मानसिक संघर्ष, मातृत्व की पीड़ा और परिवार को समेटने के जज्बे की मिसाल है, जिससे आज लाखों महिलाएं खुद को जोड़ सकती हैं।

इस कठिन समय में करीना ने जिस तरह से अपनी भावनाओं, बच्चों की सुरक्षा और अपने पति की देखभाल के बीच संतुलन बनाए रखा, वह प्रेरणा देने वाला है।

और जैसा कि उन्होंने कहा — “हम अब पहले से भी ज़्यादा मजबूत हैं,” यह दर्शाता है कि मुश्किलें इंसान को तोड़ती नहीं, बल्कि तराशती हैं।

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