हरियाणा की रहने वाली 33 वर्षीय यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा, जिनकी पहचान उनके यूट्यूब चैनल “Travel with Jo” के ज़रिए एक जानी-मानी ट्रैवल व्लॉगर के रूप में बनी, अब देशद्रोह और जासूसी के गंभीर आरोपों में जेल में बंद हैं।
उनके खिलाफ मामला महज़ सोशल मीडिया गतिविधियों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह पाकिस्तान की खुफिया एजेंसियों से कथित संपर्क, राजकीय सहयोग से केरल दौरा, और विस्तृत अंतरराष्ट्रीय यात्रा इतिहास को लेकर गहराता जा रहा है।
RTI खुलासे, खुफिया सूत्रों और कोर्ट दस्तावेजों के आधार पर अब यह मामला एक अंतरराष्ट्रीय स्तर के डिजिटल जासूसी नेटवर्क का हिस्सा बताया जा रहा है, जिसमें ज्योति महज एक ‘डिजिटल टूल’ नहीं, बल्कि एक सुनियोजित ‘एस्सेट’ की भूमिका में थीं।
RTI से हुआ खुलासा: केरल सरकार के खर्चे पर हुआ था राज्य भ्रमण
एक आरटीआई (सूचना का अधिकार) आवेदन के ज़रिए यह खुलासा हुआ है कि केरल पर्यटन विभाग ने ज्योति मल्होत्रा को वर्ष 2024-2025 के बीच एक आधिकारिक डिजिटल टूरिज्म प्रमोशन प्रोग्राम के तहत आमंत्रित किया था।
इस कार्यक्रम का उद्देश्य सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर्स की मदद से केरल को एक डिजिटल ट्रैवल डेस्टिनेशन के रूप में लोकप्रिय बनाना था।
- RTI में साफ तौर पर कहा गया है कि ज्योति की यात्रा, आवास, और पूरे यात्रा कार्यक्रम का खर्च राज्य सरकार ने वहन किया।
- उन्होंने अपने केरल दौरे के दौरान कन्नूर, कोझिकोड, कोच्चि, अलाप्पुझा और मुन्नार जैसे लोकप्रिय स्थलों का दौरा किया।
- एक वीडियो जिसमें वो केरल साड़ी पहने “थेय्यम” सांस्कृतिक प्रदर्शन में शामिल होती दिखीं, काफी वायरल हुआ था।
हालांकि अब इन गतिविधियों को जांच एजेंसियां राजकीय संरक्षित मंच का उपयोग विदेशी खुफिया हितों के लिए किए जाने की दृष्टि से देख रही हैं।
पाकिस्तानी खुफिया अधिकारी से संपर्क: डिप्लोमैट को किया गया निष्कासित
जांच एजेंसियों का दावा है कि ज्योति मल्होत्रा पिछले साल नवंबर 2023 से पाकिस्तान उच्चायोग के अधिकारी एहसान-उर-रहीम उर्फ डैनिश के संपर्क में थीं।
- डैनिश को भारत सरकार ने 13 मई 2025 को देश से निष्कासित कर दिया।
- केंद्रीय खुफिया विभाग की माने तो डैनिश पाकिस्तान की ISI (Inter Services Intelligence) के लिए काम करता था और उसने ज्योति को जासूसी नेटवर्क में ‘एसेट’ की तरह उपयोग करने की कोशिश की।
- दोनों के बीच लगातार डिजिटल और वॉयस कम्युनिकेशन के सबूत सामने आए हैं।
हालांकि अब तक यह स्पष्ट नहीं हुआ है कि उन्होंने रक्षा या सैन्य संबंधी संवेदनशील जानकारी साझा की या नहीं, लेकिन उनके यात्रा इतिहास, संदिग्ध संपर्कों और डिजिटल चैनलों की निगरानी ने एजेंसियों को सशंकित किया है।
बार-बार पाकिस्तान यात्रा: सिर्फ ट्रैवल व्लॉग या कोई गहरा एजेंडा?
ज्योति का यूट्यूब चैनल Travel with Jo, जिसमें 480 से अधिक वीडियो हैं, कई बार पाकिस्तान, बांग्लादेश और थाईलैंड जैसे देशों की यात्रा पर केंद्रित रहा है।
- 2019, 2022 और 2023 में उन्होंने पाकिस्तान के कराची, लाहौर और इस्लामाबाद जैसे शहरों की यात्राएं कीं।
- पाकिस्तान में उनकी मुलाकात कई सामाजिक कार्यकर्ताओं, पत्रकारों और कथित “डिप्लोमैट्स” से हुई थी।
- भारत लौटकर उनके बनाए वीडियो में पाकिस्तान के प्रति सहानुभूतिपूर्ण टोन देखा गया।
जांच एजेंसियों का कहना है कि यही यात्रा रिकॉर्ड, उनकी केवल पर्यटन वाली छवि पर प्रश्नचिन्ह लगाता है।
गिरफ्तारी और न्यायिक प्रक्रिया: एक के बाद एक रिमांड विस्तार
- 16 मई 2025 को हरियाणा के हिसार में स्थित न्यू अग्रसेन एक्सटेंशन से ज्योति को गिरफ्तार किया गया।
- उनके खिलाफ मामला Official Secrets Act और भारतीय न्याय संहिता (BNS) की कई धाराओं में दर्ज हुआ।
- 26 मई को उन्हें पहली बार न्यायिक हिरासत में भेजा गया, उसके बाद 9 जून और 23 जून को उनकी न्यायिक हिरासत बढ़ाई गई।
- 7 जुलाई 2025 को अगली सुनवाई निर्धारित है।
उनके वकील कुमार मुकेश ने कहा है:
“जमानत के लिए हम ज़िला सत्र न्यायालय में याचिका दाखिल करेंगे। यह सामान्य प्रक्रिया है कि 14 दिन बाद कोर्ट में पेशी होती है और हिरासत बढ़ाई जाती है जब तक नियमित जमानत न मिले।”
मल्होत्रा केवल अकेली नहीं: बड़े नेटवर्क की परतें खुल रही हैं
जांच में यह भी सामने आया है कि ज्योति मल्होत्रा केवल एकमात्र संदिग्ध नहीं हैं। बल्कि पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में 12 लोगों को इसी तरह की डिजिटल जासूसी गतिविधियों के लिए गिरफ्तार किया गया है।
- इन लोगों में कुछ फ्रीलांस पत्रकार, कुछ यू-ट्यूबर्स और कुछ पूर्व सरकारी कर्मचारी भी शामिल हैं।
- इन सभी का पाकिस्तानी संपर्क, या डिजिटल चैनलों से सूचना प्रवाह के सबूत मिले हैं।
- कहा जा रहा है कि पाकिस्तानी एजेंसियों ने इन्हें सोशल मीडिया पर पैठ बनाने, जनता के बीच सॉफ्ट इमेज स्थापित करने और सूचनात्मक नियंत्रण के लिए चुना था।
केरल सरकार की मुश्किलें: राजनीतिक सवालों के घेरे में पर्यटन विभाग
इस मामले में केरल सरकार की भूमिका पर भी सवाल उठने लगे हैं। विपक्षी दलों ने यह मुद्दा उठाया है कि:
- क्या मल्होत्रा के यात्रा और संपर्कों की पृष्ठभूमि जांच किए बिना उन्हें आमंत्रित किया गया?
- राज्य का राजकोषीय पैसा ऐसे व्यक्तियों पर खर्च करना क्या उचित था?
- क्या पर्यटन को बढ़ावा देने के नाम पर राज्य प्रायोजित मंचों का दुरुपयोग हुआ?
हालांकि अब तक केरल सरकार की ओर से इस पर कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं आई है।
एक यूट्यूबर से संदिग्ध जासूस तक: सोशल मीडिया की नई चुनौती
इस केस ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि सोशल मीडिया के ज़माने में जासूसी का स्वरूप कैसे बदल रहा है। जहां पहले जासूस खुफिया ठिकानों से ऑपरेट करते थे, अब वे इंफ्लुएंसर्स, व्लॉगर्स और फ्रीलांसर पत्रकारों के रूप में फेसलेस एजेंट्स बन चुके हैं।
- यूट्यूब, इंस्टाग्राम और फेसबुक पर पॉपुलर इन्फ्लुएंसर बनकर वे सीमाओं के पार पहुंच बनाते हैं।
- सरकार की अनुमति और जनता के भरोसे का “डिजिटल कवच” उन्हें संदेह से परे बना देता है।
- परंतु जब असली मंशा उजागर होती है, तब तक वे बहुत कुछ हासिल कर चुके होते हैं — जानकारी, लोकेशन, संरचना और विचार।
निष्कर्ष: एक केस, अनेक चेतावनियां
ज्योति मल्होत्रा का मामला केवल एक महिला की गिरफ्तारी नहीं, बल्कि यह राष्ट्रीय सुरक्षा, सोशल मीडिया की विश्वसनीयता, और सरकारों की सतर्कता से जुड़ा बड़ा आईना है।
- यह दिखाता है कि अब दुश्मन की रणनीतियां सैन्य चौकियों तक सीमित नहीं, बल्कि यूट्यूब स्टूडियो और इंस्टा-रिल्स तक फैल चुकी हैं।
- सरकारी विभागों को भी डिजिटल इन्फ्लुएंसर्स की जांच-पड़ताल को गंभीरता से लेना होगा।
- आम जनता को भी ‘ट्रैवल व्लॉगर’ के नाम पर देशविरोधी तत्वों के प्रचार से सतर्क रहना चाहिए।
यह मामला न्यायालय में लंबित है, लेकिन इससे देश को जो सीख मिली है — वह भविष्य में डिजिटल स्पेस में राष्ट्रीय सुरक्षा नीति को अधिक सख्त और सतर्क बनाएगी।
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