दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री पंकज सिंह ने आज मोहल्ला क्लीनिक को लेकर एक महत्वपूर्ण बैठक की और संबंधित विभाग से पूरी जानकारी मांगी। उन्होंने स्वास्थ्य सचिव और उनकी टीम को विशेष निर्देश दिए और पूछा कि कितने मोहल्ला क्लीनिक किराए पर चल रहे हैं, कितने डीडीए की संपत्ति पर स्थित हैं, और कितने एनडीएमसी की संपत्ति पर बनाए गए हैं। इसके अलावा, उन्होंने यह भी जानना चाहा कि कितने क्लीनिक सक्रिय रूप से कार्यरत हैं, जहां डॉक्टर आकर मरीजों को देख रहे हैं और दवाइयाँ दे रहे हैं। यदि डॉक्टर उपस्थित नहीं हो रहे हैं, तो फिर बिल कैसे तैयार किए जा रहे हैं?

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि उन्होंने इस संबंध में पूरी जांच के निर्देश दे दिए हैं और जल्द ही उन्हें एक विस्तृत रिपोर्ट प्राप्त होगी। उन्होंने आशंका जताई कि केवल 30-40 प्रतिशत मोहल्ला क्लीनिक ही वास्तव में कार्य कर रहे हैं, जबकि कुछ स्थानीय लोग और पार्टी कार्यकर्ता इसे आय का साधन बना रहे हैं और झूठा दावा कर रहे हैं कि क्लीनिक सुचारू रूप से चल रहे हैं।
मोहल्ला क्लीनिक की जांच शुरू
स्वास्थ्य मंत्री ने स्पष्ट किया कि यदि ये आरोप सत्य पाए गए, तो सरकार निश्चित रूप से सख्त कार्रवाई करेगी। उन्होंने कहा कि सरकार ने मोहल्ला क्लीनिकों की विस्तृत जांच शुरू कर दी है। जो भी लोग जनता के विश्वास को ठगने का प्रयास कर रहे हैं, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। अगर किसी भी तरह की गड़बड़ी पाई गई, तो सरकार जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कठोर कदम उठाएगी।
बदलेगा मोहल्ला क्लीनिक का नाम
पंकज सिंह ने आगे कहा कि मोहल्ला क्लीनिक में पाई जाने वाली खामियों को ध्यान में रखते हुए, आम आदमी पार्टी द्वारा किए गए कथित धोखे की जांच होगी। उन्होंने यह भी घोषणा की कि अब मोहल्ला क्लीनिक का नाम बदला जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार की संपत्ति पर बनाए गए क्लीनिकों में सरकार खुद निवेश करेगी ताकि दिल्ली की जनता को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराई जा सकें। उन्होंने दावा किया कि अगले 100 दिनों के भीतर दिल्ली में बड़े बदलाव देखने को मिलेंगे।
दिल्ली की जनता को मिलेगा शुद्ध पानी और स्वच्छ हवा
दिल्ली की वायु गुणवत्ता सुधारने को लेकर उन्होंने कहा कि राजधानी के नागरिकों को स्वच्छ पानी पीने और शुद्ध हवा में सांस लेने का पूरा अधिकार है। उन्होंने पिछली सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि इस दिशा में पहले कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए। उन्होंने आश्वासन दिया कि आने वाले समय में, खासकर सर्दियों के दौरान, जब प्रदूषण अपने चरम पर होता है, तब दिल्ली के लोग बेहतर और स्वच्छ हवा में सांस ले सकेंगे।
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