CAG रिपोर्ट के बाद तेज हुई सियासी हलचल, कांग्रेस ने उठाए सवाल
दिल्ली विधानसभा में CAG रिपोर्ट पेश होने के बाद सियासी सरगर्मी तेज हो गई है। कथित शराब घोटाले पर अब तक सिर्फ एक ही CAG रिपोर्ट सामने आई है, जबकि 13 और रिपोर्ट आनी बाकी हैं। पहली रिपोर्ट के बाद बीजेपी और कांग्रेस, आम आदमी पार्टी पर हमलावर हो गई हैं। अब कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने भी इस मामले में अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने मांग की कि शराब नीति को मंजूरी देने वालों की भी जांच होनी चाहिए।
तत्कालीन उपराज्यपाल की भूमिका संदिग्ध – कांग्रेस
दिल्ली कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष देवेंद्र यादव ने कहा कि आबकारी नीति बनाते समय तीन कमिश्नर बदले गए, जिसकी जांच जरूरी है। उन्होंने सवाल उठाया कि जब शराब नीति को तत्कालीन उपराज्यपाल ने मंजूरी दी थी, तो उनकी भूमिका की जांच क्यों नहीं हो रही? इसके अलावा, शराब के ठेके उन जगहों पर भी खोल दिए गए जहां उनकी अनुमति नहीं थी, इसकी जांच भी होनी चाहिए।

व्यक्तिगत लाभ के लिए नीति में किए गए बदलाव – संदीप दीक्षित
संदीप दीक्षित ने कहा कि नई शराब नीति जिस मंशा से बनाई गई थी, उसे बार-बार व्यक्तिगत लाभ के लिए बदला गया। उन्होंने आरोप लगाया कि आम आदमी पार्टी की सरकार ने शराब व्यापारियों और अपने नेताओं को फायदा पहुंचाने के लिए नीति में बदलाव किए, जिससे सरकार को 40% राजस्व का नुकसान हुआ।
एक व्यापारी को मिली 54 दुकानें, पसंदीदा ब्रांड बंद किए गए
संदीप दीक्षित ने कहा कि पहले एक व्यापारी को केवल दो शराब की दुकानें अलॉट की जाती थीं, लेकिन नई नीति के तहत एक व्यापारी को 54 दुकानों का लाइसेंस दिया गया। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि दिल्ली सरकार ने कुछ नए ब्रांड को बढ़ावा दिया, जो जनता को पसंद नहीं थे, जबकि लोकप्रिय ब्रांडों को बाजार से हटा दिया गया।
पंजाब में बने शराब ब्रांड को दिल्ली में किया गया प्रमोट
दीक्षित ने आरोप लगाया कि जिन शराब ब्रांडों को दिल्ली में प्रमोट किया गया, वे सभी पंजाब में बनते हैं, जहां आम आदमी पार्टी की सरकार है। उन्होंने इसे एक सुनियोजित साजिश करार दिया और मामले की गहन जांच की मांग की।
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