हादसे का पूरा मंज़र: AI171 का हादसा
12 जून 2025 को एयर इंडिया फ्लाइट AI171, एक बोइंग 787‑8 ड्रीमलाइनर, अहमदाबाद के सरदार वल्लभभाई पटेल अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा से गटविक (लंदन) की उड़ान भर रही थी। टेक‑ऑफ के लगभग 30 सेकंड बाद विमान तेज़ी से खोखला उठ गया, फिर मेघानी नगर में BJ मेडिकल कॉलेज के छात्रावास परिसर में जा गिरा।
इस त्रासदी में कुल 242 लोग सवार थे (230 यात्री, 12 चालक दल), जिसमें केवल एक यात्री बचा, जबकि विमान के क्रैश लैंडिंग में भूमि पर 29 लोगों की मौत से कुल मृतकों की संख्या लगभग 270 हो गई।
ब्लैक बॉक्स की बरामदगी और विश्लेषण
13 जून को विमानका फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर और कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर, यानी ब्लैक बॉक्स, घटनास्थल से बरामद कर लिए गए । केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री किंजरापु राममोहन नायडू ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में स्पष्ट किया कि ब्लैक बॉक्स भारत में ही है और उच्च-पारदर्शी प्रक्रिया में विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (AAIB) द्वारा इसका विश्लेषण किया जा रहा है ।
कुछ संचार माध्यमों में यह दावा किया गया था कि ब्लैक बॉक्स को अमेरिका भेजा जाएगा, लेकिन मंत्रालय ने इस पर प्रश्न उठाते हुए कहा कि यह अटकलें हैं, और फैसला AAIB की तकनीकी ज़रूरतों पर आधारित होकर लिया जाएगा ।
जांच की प्रक्रिया और समयरेखा
बयान के अनुसार:
- AAIB के डिज decoding और विश्लेषण से एयर ट्रैफिक रिकॉर्ड, इंजन डेटा, फ्लैप सेटिंग, ईंधन बॉयलेट डेटा और पायलट-ATC संवाद का अध्ययन होगा।
- DGCA (नागरिक विमानन महानियंत्रक) ने 787‑8 और 787‑9 विमानों के लिए त्वरित सुरक्षा निरीक्षण और बढ़ी हुई तकनीकी जांच की भी घोषणा की।
- मंत्री ने आंशिक रिपोर्ट के लिए कोई समयसीमा नहीं दी, लेकिन उच्च स्तरीय समिति को अंतिम रिपोर्ट उपयुक्त फीडबैक सहित तीन महीने में प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया ।
राहत और बचाव से पहल की कार्रवाई
- हादसे के तुरंत बाद 24×7 नियंत्रण कक्ष, एक मेडिकल कंट्रोल रूम, और राहत प्रतिक्रिया टीमें (DGCA, BCAS, CISF, AAI) सक्रिय कर दी गईं।
- विमानन मंत्री सहित प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह घटनास्थल पहुंचे, जहां उन्होंने पीड़ितों तथा घायल यात्रियों से मुलाकात की और राहत कार्यों का जायज़ा लिया ।
मानवता की तकलीफ़: पीड़ितों को सहायता
पीड़ित परिवारों को 1 करोड़ प्रति व्यक्ति मुआवज़ा की घोषणा की गई। इसमें घायल यात्रियों के इलाज और डीएनए टेस्ट की सुविधा सहित अन्य प्रशासनिक सहयोग की व्यवस्था भी शामिल है ।
एक समर्थन सेल गटविक एयरपोर्ट पर ब्रिटिश यात्रियों के लिए स्थापित किया गया, जबकि भारत में स्थानीय हेल्पलाइन और संबंधित एयर इंडिया/एयरपोर्ट अधिकारियों द्वारा सहायता प्रदान की गई ।
तकनीकी पहलुओं की जांच
ब्लैक बॉक्स विश्लेषण के जरिये यह देखने की कोशिश की जा रही है कि क्या लाईट फ्लैप या इंजन थ्रस्ट सही तरीके से सेट था, या तापमान, ईंधन भार या पायलट सेटिंग में त्रुटि हुई थी। अंतरराष्ट्रीय सहयोग के तहत NTSB (अमेरिका), UK CAA, FAA और Boeing, GE Aerospace ने भी सहायता की पेशकश की है।
विश्लेषण के शुरुआती रुझान अगले कुछ हफ़्तों में मिल सकते हैं, जबकि संपूर्ण रिपोर्ट तीन महीने में घोषित होगी ।
विमान सुरक्षा उपाय
- DGCA ने सभी जनरल इलेक्ट्रिक GEnx इंजन वाले 787 विमानों पर अतिरिक्त निरीक्षण आदेशित किया है। पहले ही 8 विमानों की जांच की गई और बाकी विमानों की प्रक्रिया जल्द पूर्ण होगी
- एयर इंडिया ने कहा है कि “जब तक विमान 100% सुरक्षित घोषित नहीं होगा, वह उड़ान नहीं भरेगा”—इस सिलसिले में फ्लाइट ऑपरेशन रिव्यू एजेंसियों के साथ साझा की गई है ।
बेड़े पर असर और भविष्य की चुनौतियाँ
AI171 दुर्घटना एक गंभीर मानवीय और ब्रांड संकट थी। एयर इंडिया की विश्वसनीयता पर प्रश्नचिह्न लगा है। वित्तीय दंड, उड़ान संख्या में कटौती, विमानों की जांच और कंपनी की छवि को सुधारने के लिए गंभीर सुधारों की आवश्यकता है ।
NTSB और अंतरराष्ट्रीय जांच तंत्र में सहयोग विमानों पर वैश्विक रिपोर्टिंग डाटा और सुरक्षा मानदंडों का विलय होगा, जो भविष्य में सभी एयरशिपमेंट सिस्टम को मजबूत बनाएगा।
निष्कर्ष
यह हादसा भारत में विमानन सुरक्षा के लिए गहरी सीख लेकर आया है—
- प्राथमिक और द्वितीयक जांच प्रक्रियाएँ,
- ब्लैक बॉक्स विश्लेषण और समयबद्ध रिपोर्ट,
- तकनीकी संदेह को दूर करने हेतु सुरक्षा उपाय
—सबके साथ, मानवता की सेवा भी कायम है।
मंत्रालय की महदबद्धता, जिम्मेदार भाव और पारदर्शिता के माध्यम से यह उम्मीद जगी है कि भारतीय विमानन क्षेत्र को इस दर्दनाक हादसे से संबल, तैयारी और वैधानिक सशक्तिकरण मिलेगा।
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