स्वतंत्रता दिवस जैसे शुभ अवसर पर बिहार के बेगूसराय जिले से एक दर्दनाक खबर आई। राष्ट्रीय ध्वज फहराने के दौरान हुआ हादसा जश्न को मातम में बदल गया। झंडे का पाइप अचानक ऊपर से गुजर रहे 11,000 वोल्ट के हाईटेंशन तार से टकरा गया। तेज करंट ने मौके पर ही एक छात्र की जान ले ली, जबकि दो अन्य छात्र गंभीर रूप से झुलस गए। दोनों घायलों का इलाज शहर के एक निजी अस्पताल में चल रहा है।
हादसे की पूरी कहानी
स्वतंत्रता दिवस के मौके पर जिले के एक विद्यालय में ध्वजारोहण कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। सैकड़ों छात्र, शिक्षक और स्थानीय लोग कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे थे। जैसे ही झंडा फहराने की तैयारी शुरू हुई, राष्ट्रीय ध्वज से जुड़ा लोहे का पाइप संतुलन खो बैठा और पास से गुजर रही हाईटेंशन लाइन से छू गया। एक ही पल में तेज आवाज के साथ चिंगारियां निकलीं और वहां अफरातफरी मच गई।
करंट लगने से तीन छात्र उसकी चपेट में आ गए। एक छात्र की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि बाकी दो गंभीर रूप से घायल हो गए। उन्हें तुरंत नजदीकी निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। डॉक्टरों के मुताबिक दोनों की हालत नाजुक बनी हुई है।
स्कूल परिसर में मातम
ध्वजारोहण का माहौल देखते-ही-देखते शोक में बदल गया। कार्यक्रम स्थल पर मौजूद अभिभावक, शिक्षक और छात्र सदमे में आ गए। राष्ट्रीय ध्वज फहराने की खुशी अचानक करुण विलाप में बदल गई। मृतक छात्र के घर में मातम पसरा है, और परिवारजन का रो-रोकर बुरा हाल है।
प्रशासन की प्रतिक्रिया
घटना की जानकारी मिलते ही स्थानीय प्रशासन और पुलिस मौके पर पहुंची। बिजली विभाग से भी अधिकारी बुलाए गए। अधिकारियों ने घटना को गंभीर लापरवाही बताते हुए जांच के आदेश दिए। फिलहाल यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि हाईटेंशन तार इतने नजदीक स्कूल परिसर से क्यों गुज़र रहे थे और सुरक्षा के लिए पहले से क्या इंतजाम किए गए थे।
सवालों के घेरे में सुरक्षा
यह हादसा कई गंभीर सवाल खड़े करता है। ग्रामीण और शहरी इलाकों में अक्सर स्कूलों, खेल मैदानों और घरों के पास से हाईटेंशन तार गुजरते हैं। बिजली विभाग की लापरवाही और सुरक्षा मानकों की अनदेखी समय-समय पर इस तरह की घटनाओं का कारण बनती है। बेगूसराय की यह घटना भी प्रशासन और बिजली आपूर्ति कंपनियों की जवाबदेही पर सवाल उठाती है।
लोगों का गुस्सा और शोक
घटना के बाद इलाके में गुस्से और आक्रोश का माहौल है। स्थानीय लोगों का कहना है कि कई बार बिजली विभाग को तारों की ऊंचाई और सुरक्षा को लेकर शिकायत की गई थी, लेकिन उस पर ध्यान नहीं दिया गया। स्वतंत्रता दिवस जैसे पावन अवसर पर हुई यह त्रासदी पूरे जिले के लिए दर्दनाक स्मृति बन गई है।
निष्कर्ष
बेगूसराय की इस घटना ने एक बार फिर याद दिलाया है कि थोड़ी-सी लापरवाही कितनी बड़ी दुर्घटना का कारण बन सकती है। जिस दिन को आजादी और शान के जश्न के रूप में मनाया जाना था, उस दिन एक छात्र की जिंदगी छिन गई और दो अन्य जीवन-मौत से जूझ रहे हैं। अब यह प्रशासन और बिजली विभाग की जिम्मेदारी है कि ऐसी घटनाएं भविष्य में दोबारा न हों।
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