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आंध्र प्रदेश के चित्तूर में महिला को पेड़ से बांधकर किया गया अपमानित, कर्ज विवाद में पांच आरोपी हिरासत में

चित्तूर में कर्ज विवाद को लेकर महिला को पेड़ से बांधने की घटना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस

चित्तूर।
आंध्र प्रदेश के चित्तूर जिले के नारायणपुरम गांव में कर्ज विवाद को लेकर एक 29 वर्षीय महिला को पेड़ से बांधकर सार्वजनिक रूप से अपमानित किए जाने का मामला सामने आया है। इस अमानवीय कृत्य के संबंध में पांच लोगों को हिरासत में लिया गया है। घटना ने राज्यभर में आक्रोश और संवेदना दोनों को जन्म दिया है।


बेंगलुरु से आई थी महिला, स्कूल से टीसी लेने


पीड़िता सिरीशा, जो थिम्मारायप्पा की पत्नी हैं, सोमवार को बेंगलुरु से अपने बच्चों का ट्रांसफर सर्टिफिकेट (TC) लेने के लिए गांव आई थीं। तभी गांव के कुछ लोगों ने उनके पति द्वारा लिए गए कर्ज के बारे में सवाल करना शुरू कर दिया।
बेटी ने किया विरोध, और बिगड़ी स्थिति।


कुप्पम डीएसपी बी. पार्थसारथी के मुताबिक, जब गांववालों ने सिरीशा को पति को बुलाने के लिए कहा, उसी दौरान उनकी बेटी ने एक ग्रामीण पर हमला कर दिया, जिससे मामला और उग्र हो गया। इसके बाद सिरीशा को कथित तौर पर पेड़ से बांधकर अपमानित किया गया।


80,000 रुपये का कर्ज था बकाया


पुलिस के अनुसार, थिम्मारायप्पा पर एक ग्रामीण मुनिकनप्पा और अन्य स्थानीय समूहों का करीब ₹80,000 का कर्ज बकाया था। सिरीशा का कहना है कि उसके पति ने छह महीने पहले उसे छोड़ दिया था, लेकिन पुलिस को शक है कि पति-पत्नी अब भी किसी न किसी रूप में संपर्क में हो सकते हैं।


IPC की धाराओं के तहत केस दर्ज


घटना पर त्वरित कार्रवाई करते हुए पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 115, 126, 112 और धारा 3 के तहत मामला दर्ज किया है। पांच आरोपियों को हिरासत में लिया गया है और जांच जारी है।


मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने की कड़ी निंदा


कुप्पम विधानसभा क्षेत्र से विधायक और राज्य के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने इस घटना को “अमानवीय और अस्वीकार्य” बताते हुए दोषियों पर सख्त कार्रवाई के आदेश दिए हैं।


सीएम ने कहा, “नारायणपुरम गांव में महिला के साथ किया गया व्यवहार बर्बर है। ऐसी घटनाएं राज्य में कतई बर्दाश्त नहीं की जाएंगी।”


उन्होंने जिला पुलिस अधीक्षक से पूरी रिपोर्ट मांगी और पीड़ित परिवार को हरसंभव सहायता देने के निर्देश दिए।


गांवों में चलेगा कानूनी जागरूकता अभियान


मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि हर गांव में कानूनी जागरूकता अभियान चलाया जाए ताकि लोग कानून में भरोसा रखें और भीड़ के जरिए खुद न्याय करने से बचें। उन्होंने कहा कि सरकार लोगों तक बुनियादी कानूनी जानकारी पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध है।

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