देहरादून। उत्तराखंड की राजधानी देहरादून समेत पूरे प्रदेश में ईद उल अज़ाह (बकरीद) का त्यौहार धार्मिक उल्लास, भाईचारे और सौहार्द के साथ मनाया गया। कहीं पर पारंपरिक तौर पर कुर्बानी दी गई, तो कई स्थानों पर लोगों ने केक काटकर एक-दूसरे को गले लगाकर ईद की मुबारकबाद दी।
राजधानी में इस अवसर पर अनेक ईद मिलन समारोह आयोजित किए गए, जहां हिन्दू-मुस्लिम एकता की मिसाल देखने को मिली। प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष (संगठन व प्रशासन) सूर्यकांत धस्माना ने कांवली, मेहुवाला मांजरा और ब्राह्मणवाला क्षेत्रों का दौरा कर स्थानीय लोगों को ईद की शुभकामनाएं दीं।
धर्मों की विविधता, भारत की एकता
धस्माना ने इस अवसर पर कहा,
“भारत में पैदा होने वाला हर इंसान भाग्यशाली है, क्योंकि उसे हर धर्म और संस्कृति के त्यौहार अपने देश में ही देखने और मनाने का अवसर मिलता है।”
उन्होंने ईद उल अज़ाह को ईश्वर की इबादत, त्याग, और साझेदारी का पर्व बताया, जिसमें इंसान अपनी मेहनत की कमाई में से गरीबों और जरूरतमंदों को मदद देता है।
ईद मिलन में शामिल हुए कई सामाजिक कार्यकर्ता
इस मौके पर ईद मिलन कार्यक्रम में शामिल प्रमुख लोग थे:
दिनेश कौशल, प्रदेश कांग्रेस श्रम प्रकोष्ठ अध्यक्ष
मोहम्मद हुसैन अहमद कासमी, इमाम, कांवली मस्जिद
सैयद मोहम्मद अर्शी,
शौकीन, सदर, कांवली वेलफेयर सोसाइटी
वसीम अहमद, सचिव
शाकिर अली, कोषाध्यक्ष
शहजाद, फारूक, शौकत अली, प्रमुख समाजसेवी
समारोहों में भाईचारे, अमन और सामाजिक एकता का मजबूत संदेश दिया गया, जिससे स्थानीय लोग काफी प्रभावित हुए।
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