देश की राजधानी दिल्ली और उसके आसपास के एनसीआर क्षेत्र में रविवार की सुबह हल्की बारिश हुई। आसमान में घने बादल छाए रहे, जिससे मौसम में ठंडक महसूस हुई। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने सुबह 10 बजे एक ‘नाउकास्ट’ चेतावनी जारी की थी, जिसमें अगले दो घंटे के दौरान वर्षा होने की संभावना जताई गई थी। यह चेतावनी स्थानीय लोगों को अचानक होने वाली बारिश से सतर्क करने के लिए दी गई थी।
IMD की चेतावनी और बारिश की संभावनाएं
दिल्ली के साथ ही पड़ोसी राज्यों हरियाणा और राजस्थान के कई क्षेत्रों में हल्की से मध्यम बारिश के साथ आसमान में गर्जना और बिजली चमकने की संभावना है। दिल्ली क्षेत्रीय मौसम केंद्र ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ (पूर्व में ट्विटर) पर यह जानकारी साझा करते हुए बताया, “हल्की से मध्यम बारिश के साथ हल्की गरज और बिजली (30-40 किलोमीटर प्रति घंटे की तेज हवाओं के साथ) गुरुग्राम, मानेसर, चारखी दादरी, लोहरू, कोसली, महेन्द्रगढ़, सोहना, रेवाड़ी, नारनौल, बावल, नूह (हरियाणा), पिलानी, भिवाड़ी, टिजारा (राजस्थान) में होने की संभावना है।”
हालांकि, अगले 5 से 6 दिनों तक दिल्ली और एनसीआर क्षेत्र में कोई भारी बारिश की चेतावनी नहीं है, फिर भी आज और आने वाले दिनों में हल्की बारिश की अल्पकालिक बूंदाबांदी हो सकती है। IMD ने अपने 12 जुलाई के मौसम विवरण में कहा है कि “आंशिक रूप से बादल छाए रहेंगे। हल्की से बहुत हल्की बारिश के साथ गरज और बिजली चमकने की संभावना है।”
दिल्ली का तापमान और मौसम की स्थिति
दिल्ली के प्रमुख मौसम केंद्र सफदरजंग ने रविवार सुबह 11:10 बजे 33 डिग्री सेल्सियस अधिकतम तापमान और 27 डिग्री सेल्सियस न्यूनतम तापमान दर्ज किया। मौसम विभाग के अनुमान के अनुसार, आने वाले दिनों में अधिकतम तापमान 35 से 37 डिग्री सेल्सियस के बीच रहेगा, जबकि न्यूनतम तापमान 25 से 27 डिग्री सेल्सियस के बीच रह सकता है। खास बात यह है कि 13 जुलाई को न्यूनतम तापमान सामान्य से 1 से 2 डिग्री सेल्सियस नीचे रहेगा, जिससे रात का तापमान सामान्य से थोड़ा ठंडा रहने की संभावना है।
इस दिन दिल्ली की आर्द्रता लगभग 86 प्रतिशत दर्ज की गई, जिससे उमस बनी रहेगी और दिन के समय गर्माहट के साथ-साथ बारिश के दौरान नमी का अहसास भी रहेगा।
दिल्ली की वायु गुणवत्ता की स्थिति
दिल्ली में रविवार को अधिकांश वायु गुणवत्ता मापन केंद्रों ने ‘संतोषजनक’ श्रेणी में वायु गुणवत्ता दर्ज की। हालांकि, कुछ क्षेत्रों जैसे सोनिया विहार, मुंडका, शादिपुर, वजीरपुर और पुराना दिल्ली के पास के इलाके ‘मध्यम’ श्रेणी में आए, जहाँ वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 100 से ऊपर दर्ज किया गया। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली का औसत AQI 85 था, जो श्वास संबंधी रोगों के लिए आमतौर पर सुरक्षित माना जाता है।
अन्य राज्यों में मौसम की स्थिति
IMD ने 13 जुलाई के लिए उत्तराखंड, मध्य प्रदेश, राजस्थान और गुजरात में भारी बारिश की ‘ऑरेंज अलर्ट’ जारी किया है। इसका मतलब है कि इन राज्यों में तेज और लगातार बारिश हो सकती है, जिससे स्थानीय जनजीवन प्रभावित हो सकता है। इसके अलावा, कुछ अन्य राज्यों के लिए ‘येलो अलर्ट’ भी जारी किया गया है, जो भारी वर्षा की संभावना को दर्शाता है, लेकिन इस स्तर की चेतावनी ‘ऑरेंज’ से कम गंभीर होती है।
विस्तृत मौसम विश्लेषण और भविष्यवाणी
दिल्ली-एनसीआर का समग्र मौसम परिदृश्य
दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) का मौसम मानसून की सक्रियता के तहत इस समय बदल रहा है। मानसून के आने के साथ ही यहां मौसम में बदलाव आना स्वाभाविक है, लेकिन इस बार की बारिश अपेक्षाकृत हल्की और अनियमित रही है। बादलों की आड़ में सूर्य की गर्मी कुछ हद तक कम हुई है, जिससे दिन का तापमान सामान्य से थोड़ा नीचे रह रहा है। हालांकि, शाम के समय उमस बनी रहती है, जिससे लोगों को गर्मी का एहसास होता है।
दिल्ली की स्थिति विशेष रूप से जनसंख्या घनत्व, औद्योगिक गतिविधियों और वाहनों के कारण प्रदूषण की समस्या से प्रभावित रहती है। मानसून के दौरान बारिश की वजह से धूल और प्रदूषक कम हो जाते हैं, जिससे हवा साफ होती है। इसलिए बारिश के दिनों में वायु गुणवत्ता बेहतर बनी रहती है।
बारिश और हवाओं का प्रभाव
IMD ने आज सुबह जारी की गई नाउकास्ट चेतावनी में हवा की गति का भी उल्लेख किया है, जो 30-40 किलोमीटर प्रति घंटा के बीच रहने की संभावना है। तेज हवाएं बादलों को तेजी से इधर-उधर ले जा सकती हैं, जिससे कहीं-कहीं अचानक बारिश हो सकती है। हल्की गरज और बिजली के साथ यह बारिश आमतौर पर मानसून की शुरुआती बूंदों का हिस्सा होती है।
गुरुग्राम, मानेसर जैसे एनसीआर के शहरी क्षेत्र भी इन बारिश की घटनाओं से प्रभावित होंगे। बारिश के चलते ट्रैफिक प्रभावित हो सकता है और कुछ इलाकों में जलजमाव की भी संभावना बनी रहती है, खासकर उन जगहों पर जहां जल निकासी की व्यवस्था कमजोर है।
तापमान की भविष्यवाणी
दिल्ली का तापमान जुलाई में आमतौर पर 35 डिग्री से ऊपर रहता है, लेकिन इस बार मानसून के कारण तापमान में उतार-चढ़ाव हो रहा है। IMD के अनुसार, आने वाले दिनों में अधिकतम तापमान 35-37 डिग्री सेल्सियस के बीच रहेगा, जो सामान्य से कुछ हद तक कम है। न्यूनतम तापमान भी सामान्य से 1-2 डिग्री कम रहेगा, जिससे रात में थोड़ी ठंडक महसूस हो सकती है।
इस बदलाव का लाभ मुख्य रूप से बुजुर्गों, बच्चों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से ग्रसित लोगों को होगा, जिन्हें गर्मी के कारण असुविधा होती है। हालांकि, उमस के कारण तापमान का पूरा प्रभाव महसूस होगा।
वायु गुणवत्ता की स्थिति और स्वास्थ्य पर प्रभाव
दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण एक बड़ी समस्या है। गर्मियों और सर्दियों में वायु गुणवत्ता में अधिक बदलाव आता है। मानसून के दौरान बारिश के कारण हवा साफ होती है और प्रदूषण कम होता है। आज के आंकड़ों के मुताबिक दिल्ली का AQI 85 है, जो ‘संतोषजनक’ श्रेणी में आता है। इसका मतलब है कि अधिकांश लोग सामान्य रूप से सांस लेने में कोई समस्या महसूस नहीं करेंगे।
हालांकि, सोनिया विहार, मुंडका, शादिपुर, वजीरपुर और पुराना दिल्ली जैसे इलाकों में AQI 100 से ऊपर है, जो मध्यम श्रेणी का प्रदूषण स्तर दर्शाता है। इस श्रेणी में सांस संबंधी समस्या वाले लोगों को सतर्क रहना चाहिए और अनावश्यक बाहर निकलने से बचना चाहिए।
मानसून के दौरान आने वाले जोखिम और सावधानियां
भारतीय मानसून पूरे देश में मौसम की स्थिति को बदल देता है। भारी बारिश, तेज हवाएं और कभी-कभी बाढ़ जैसी स्थिति भी बन सकती है। खासतौर पर उन इलाकों में जहां जल निकासी उचित नहीं होती या जहां नदियां अपने उफान पर होती हैं, वहां बाढ़ का खतरा रहता है।
उत्तराखंड, मध्य प्रदेश, राजस्थान और गुजरात में IMD की ओर से जारी ऑरेंज अलर्ट इस बात का संकेत है कि इन क्षेत्रों में भारी बारिश होगी, जो जनजीवन पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकती है। ऐसे में स्थानीय प्रशासन को विशेष सतर्कता बरतनी होगी और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने की तैयारी करनी होगी।
दिल्ली-एनसीआर में फिलहाल कोई भारी बारिश का अलर्ट नहीं है, लेकिन हल्की बारिश और गरज-चमक के बीच बिजली गिरने का खतरा बना रहता है। इसलिए बाहर निकलते समय सावधानी बरतनी चाहिए, खासकर खुले इलाकों में।
भविष्य की मौसम स्थिति और मौसम विज्ञान विभाग की भूमिका
IMD ने तकनीकी रूप से अत्याधुनिक उपकरणों और उपग्रहों के जरिए मौसम की सटीक भविष्यवाणी पर जोर दिया है। नाउकास्ट चेतावनी जैसी त्वरित सूचनाएं आम जनता को अप्रत्याशित मौसम की घटनाओं से आगाह करने में मदद करती हैं। इससे लोग बेहतर तैयारी कर पाते हैं, जैसे छाता लेकर निकलना या बाहरी कार्यक्रमों को टालना।
आगामी दिनों में दिल्ली-एनसीआर में हल्की बारिश के साथ बादलों की आड़ में तापमान सामान्य से थोड़ा नीचे रह सकता है। मानसून की सक्रियता के चलते कभी-कभी हवा में नमी बढ़ेगी, जिससे उमस का अहसास रहेगा।
निष्कर्ष
दिल्ली-एनसीआर में रविवार को हुई हल्की बारिश ने मौसम में थोड़ी ठंडक जरूर दी, लेकिन उमस और गर्मी से राहत कम ही मिली है। IMD की चेतावनियां यह दर्शाती हैं कि आने वाले दिनों में भी ऐसे हल्के बारिश के दौर जारी रहेंगे, जिससे मौसम में आंशिक राहत बनी रहेगी। साथ ही, वायु गुणवत्ता में सुधार से लोगों को सांस लेने में आसानी होगी।
हरियाणा और राजस्थान के कुछ क्षेत्रों में भारी बारिश की संभावना बनी हुई है, जिसके लिए स्थानीय प्रशासन और जनता को सतर्क रहने की जरूरत है। दिल्ली-एनसीआर में मानसून के मौसम में सफर और रोजमर्रा के कामों के दौरान मौसम के अनुकूल तैयार रहना आवश्यक होगा।
इस प्रकार, आज के मौसम ने यह साफ कर दिया है कि मानसून ने राजधानी क्षेत्र में दस्तक दी है, और आने वाले समय में मौसम की बदलावों के प्रति सजग रहना होगा। सही जानकारी और सतर्कता के साथ हम इस मौसम का आनंद भी ले सकते हैं और किसी भी अप्रत्याशित स्थिति से बच सकते हैं।
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