आजकल सोशल मीडिया पर एक खतरनाक ट्रेंड तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें दावा किया जा रहा है कि सोते समय मुंह पर टेप लगाना नाक से सांस लेने की आदत को बेहतर बनाता है। हालांकि, स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने इस ट्रेंड को लेकर गंभीर चेतावनी दी है। उनके अनुसार, मुंह पर टेप लगाकर सोना एस्फिक्सिएशन यानी दम घुटने की स्थिति पैदा कर सकता है। जब मुंह बंद होता है और नाक से पर्याप्त हवा नहीं मिलती, तो शरीर में ऑक्सीजन की कमी हो सकती है, जिससे सांस लेने में तकलीफ, बेचैनी और यहां तक कि जान का भी खतरा हो सकता है। ऐसे ट्रेंड को आंख बंद कर फॉलो करना आपकी सेहत के लिए बेहद नुकसानदेह हो सकता है। किसी भी हेल्थ हैबिट को अपनाने से पहले विशेषज्ञों की राय जरूर लें। सोशल मीडिया पर दिखने वाली हर चीज सही नहीं होती — ज़िंदगी से बड़ा कोई ट्रेंड नहीं होता।

जब नाक से सांस लेने का रास्ता अवरुद्ध हो जाता है, तो शरीर स्वाभाविक रूप से मुंह से सांस लेना शुरू कर देता है। हालांकि, विशेषज्ञों के अनुसार मुंह से सांस लेना कई तरह की नींद संबंधी समस्याओं से जुड़ा हुआ है। इसमें सबसे सामान्य समस्या है खर्राटे लेना, लेकिन इससे भी गंभीर स्थिति ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया हो सकती है। इस स्थिति में व्यक्ति की नींद के दौरान बार-बार सांस रुक जाती है और फिर शुरू होती है, जिससे नींद की गुणवत्ता प्रभावित होती है और शरीर को पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिल पाती। इसलिए, सोते समय सांस लेने की आदतों पर ध्यान देना जरूरी है, और किसी भी तरह का ‘ट्रेंड’ फॉलो करने से पहले विशेषज्ञ की सलाह लेना हमेशा बेहतर होता है।

हाल के दिनों में सोशल मीडिया पर एक नया ट्रेंड तेजी से वायरल हो रहा है – “माउथ टेपिंग”। इस ट्रेंड के तहत कुछ लोग सोते समय अपने मुंह पर टेप चिपकाते हैं ताकि वे सिर्फ नाक से सांस लें। ऐसा करने का दावा किया जा रहा है कि इससे नींद की गुणवत्ता सुधरती है, ओरल हेल्थ बेहतर होती है और यहां तक कि एंटी-एजिंग फायदे भी मिलते हैं। कई सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर और सेलिब्रिटी भी इस ट्रेंड को प्रमोट कर रहे हैं। लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि बिना डॉक्टर की सलाह के ऐसा करना खतरनाक हो सकता है, क्योंकि यह दम घुटने जैसी गंभीर स्थिति को जन्म दे सकता है। इसलिए कोई भी हेल्थ ट्रेंड अपनाने से पहले उसकी सच्चाई जरूर जान लें और डॉक्टर से सलाह जरूर लें।

सोते वक्त मुंह बंद करके सोना खतरनाक हो सकता है, खासकर उनके लिए जिन्हें ये नहीं पता कि उन्हें स्लीप एपनिया जैसी कोई बीमारी है। ऐसे लोग अगर मुंह बंद कर लेंगे, तो नींद के दौरान सांस रुकने का खतरा और भी बढ़ सकता है। ऐसे लोग जाने-अनजाने अपने स्वास्थ्य को नुकसान पहुँचा रहे हैं। मुँह बंद करके सोने से उनके लक्षण और बिगड़ सकते हैं, जिससे दिल की बीमारी जैसी गंभीर समस्याओं का खतरा बढ़ जाता है। शोधकर्ताओं ने 213 मरीजों पर हुए अध्ययन और 10 पहले से प्रकाशित रिपोर्ट्स के आधार पर ये जानने की कोशिश की कि क्या मुँह बंद करने से वाकई कोई फायदा होता है। इसके लिए टेप और अन्य उपकरणों का इस्तेमाल किया गया, लेकिन नतीजे सतर्क करने वाले हैं।

“पीएलओएस वन” नाम की मेडिकल जर्नल में छपे एक रिसर्च पेपर में वैज्ञानिकों ने साफ कहा है कि मुँह पर टेप लगाने से साँस की दिक्कतें और भी बढ़ सकती हैं। अगर नाक बंद हो या श्वसन तंत्र पहले से ही कमजोर हो, तो दम घुटने का खतरा भी बन सकता है। इस रिसर्च में शामिल 10 अध्ययनों में से सिर्फ दो में ही हल्के फायदे दिखे, वो भी मामूली। बाक़ी स्टडीज़ में कोई पुख़्ता सबूत नहीं मिला कि मुँह बंद करने से न तो नींद बेहतर होती है, न ही खर्राटों या स्लीप एपनिया जैसी दिक्कतों में राहत मिलती है।
Leave a Reply