हैदराबाद पुलिस ने सरोगेसी (किराए की कोख) के नाम पर चल रहे एक बड़े रैकेट का पर्दाफाश किया है। पुलिस ने इस मामले में 45 वर्षीय महिला और उसके बेटे को गिरफ्तार किया है। आरोप है कि यह गिरोह अवैध तरीके से सरोगेसी के नाम पर महिलाओं का शोषण कर रहा था और जरूरतमंद परिवारों से मोटी रकम वसूल रहा था।
कैसे हुआ भंडाफोड़
पुलिस को लंबे समय से शिकायतें मिल रही थीं कि शहर में कुछ दलाल और निजी एजेंट सरोगेसी के नाम पर अवैध धंधा चला रहे हैं। इसके बाद विशेष टीम बनाई गई और गुप्त निगरानी शुरू की गई। पुलिस ने जाल बिछाकर आरोपियों को रंगे हाथ पकड़ लिया। जांच में पता चला कि महिला और उसका बेटा गरीब और मजबूर महिलाओं को लालच देकर सरोगेसी के लिए तैयार करते थे और फिर उनसे अवैध तरीके से सौदेबाजी कर बड़ी रकम कमाते थे।
क्या है आरोप
प्राथमिक जांच में सामने आया है कि यह गिरोह न सिर्फ भारतीय परिवारों बल्कि विदेशों से आए लोगों के साथ भी सौदेबाजी करता था। आरोपियों पर महिलाओं को अनुचित परिस्थितियों में सरोगेसी के लिए मजबूर करने, अवैध तरीके से मेडिकल प्रक्रियाएं कराने और भारी-भरकम रकम वसूलने का आरोप है। पुलिस को शक है कि इस नेटवर्क में और भी लोग शामिल हैं, जिनकी तलाश जारी है।
सरोगेसी पर कानून
भारत में सरोगेसी (वाणिज्यिक सरोगेसी) को लेकर सख्त कानून बनाए गए हैं। 2021 में लागू हुए सरोगेसी (नियमन) अधिनियम के तहत केवल परोपकारी (altruistic) सरोगेसी की अनुमति है, जिसमें पैसे का लेन-देन नहीं होता। कानून के मुताबिक, केवल नजदीकी रिश्तेदार ही बिना किसी आर्थिक लाभ के सरोगेसी के लिए तैयार हो सकते हैं। लेकिन इस मामले में कानून का खुलेआम उल्लंघन किया जा रहा था।
पुलिस की आगे की कार्रवाई
हैदराबाद पुलिस ने दोनों आरोपियों को कोर्ट में पेश कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। साथ ही पूरे नेटवर्क की तहकीकात की जा रही है। पुलिस का कहना है कि इस रैकेट से जुड़े अस्पतालों, डॉक्टरों और अन्य एजेंटों की भी जांच की जाएगी।
सामाजिक प्रभाव
इस तरह के अवैध रैकेट न केवल कानून का उल्लंघन करते हैं बल्कि गरीब और जरूरतमंद महिलाओं के स्वास्थ्य और जीवन से खिलवाड़ भी करते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे मामले सरोगेसी को लेकर बने कानूनों की चुनौतियों और क्रियान्वयन की खामियों को उजागर करते हैं।
निष्कर्ष
हैदराबाद में सरोगेसी रैकेट का भंडाफोड़ एक गंभीर चेतावनी है कि कानून लागू होने के बावजूद अवैध गतिविधियां जारी हैं। पुलिस की इस कार्रवाई से जहां कई महिलाओं को शोषण से मुक्ति मिल सकती है, वहीं यह सरकार और प्रशासन के लिए भी संकेत है कि ऐसे नेटवर्क पर सख्त कार्रवाई की जरूरत है।
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