शेफाली जरीवाला का नाम सुनते ही ज़हन में सबसे पहले आता है उनका आइकॉनिक म्यूजिक वीडियो ‘कांटा लगा’, जिसने उन्हें रातों-रात मशहूर बना दिया था। साल 2002 में जब यह गाना रिलीज़ हुआ, तब शेफाली की उम्र महज़ 19 साल थी। महज़ एक म्यूजिक वीडियो से मिली शोहरत ने उन्हें ग्लैमर की दुनिया में पहचान दिला दी, लेकिन शेफाली की ज़िंदगी सिर्फ चकाचौंध से नहीं, बल्कि मूल्यों, पारिवारिक संस्कारों और शिक्षा के प्रति समर्पण से भी गढ़ी गई है।
पारंपरिक गुजराती परिवार से आईं शेफाली
शेफाली जरीवाला एक पारंपरिक गुजराती परिवार से ताल्लुक रखती हैं। उनका पालन-पोषण एक ऐसे माहौल में हुआ जहां पढ़ाई-लिखाई को सर्वोपरि माना जाता था। उनका परिवार अभिनय और मॉडलिंग जैसी पेशेवर दुनियाओं को लेकर बहुत अधिक उत्साहित नहीं था। खासकर उनके पिता, जो पारंपरिक सोच रखने वाले व्यक्ति थे, ग्लैमर इंडस्ट्री में करियर बनाने को लेकर पूरी तरह आश्वस्त नहीं थे।
जब ‘कांटा लगा’ का ऑफर आया
जब शेफाली को ‘कांटा लगा’ म्यूजिक वीडियो का ऑफर मिला, तब वे कॉलेज में पढ़ रही थीं और उनका मन फिल्म और फैशन की दुनिया में झांकने को बेताब था। लेकिन उनके पिता की नज़र में करियर की प्राथमिकता शिक्षा थी। शेफाली ने एक पुराने इंटरव्यू में बताया कि,
“मेरे पिता एक पारंपरिक गुजराती परिवार से थे और वो मेरे ग्लैमर की दुनिया में आने के फैसले के खिलाफ थे, क्योंकि हमारे परिवार में पढ़ाई को सबसे ज़्यादा महत्व दिया जाता था। मेरे पिता ने शर्त रखी थी कि मैं पहले पढ़ाई पूरी करूं।”
पिता से वादा और पढ़ाई की प्रतिबद्धता
शेफाली ने अपने पिता से वादा किया कि वे अपनी पढ़ाई को कभी नज़रअंदाज़ नहीं करेंगी। यह सिर्फ एक आश्वासन नहीं था, बल्कि एक बेटी की तरफ़ से अपने पिता की अपेक्षाओं का सम्मान था। और उन्होंने इस वादे को निभाया भी। शेफाली ने कंप्यूटर इंजीनियरिंग की पढ़ाई सरदार पटेल इंजीनियरिंग कॉलेज से पूरी की और बाद में एक आईटी प्रोफेशनल के तौर पर काम भी किया।
यहां यह जानना ज़रूरी है कि जब एक युवा को ग्लैमर और शोहरत की चकाचौंध लुभा रही हो, उस समय पढ़ाई जैसी ज़िम्मेदारी को प्राथमिकता देना कितनी बड़ी बात है। शेफाली की यह प्रतिबद्धता आज के युवाओं के लिए एक प्रेरणास्रोत है।
पढ़ाई से मिली अनुशासन की ताकत
उसी इंटरव्यू में शेफाली ने यह भी कहा था कि पढ़ाई ने उन्हें अनुशासन और ज़िम्मेदारी सिखाई, जिसने उन्हें जीवन में हर मोड़ पर संतुलन बनाए रखने में मदद की। उन्होंने बताया,
“मैं अपने माता-पिता की बहुत आभारी हूं कि उन्होंने मुझसे पढ़ाई पूरी करने की ज़िद की। उन वर्षों में जो अनुशासन और स्किल्स मैंने सीखे, वही मुझे आज भी जीवन को बेहतर तरीके से संभालने में मदद करते हैं।”
ग्लैमर की दुनिया में लेकिन जड़ों से जुड़ी
‘कांटा लगा’ के बाद शेफाली ने रियलिटी शोज़ और फिल्मों में भी काम किया। उन्हें नच बलिए और बिग बॉस 13 में भी देखा गया। हालांकि शोहरत और लोकप्रियता की कोई कमी नहीं रही, लेकिन उन्होंने कभी भी अपनी प्राथमिकताएं नहीं बदलीं। वे हमेशा कहती हैं कि परिवार और आत्मसम्मान उनके लिए सबसे महत्वपूर्ण हैं।
पिता: एक सख्त लेकिन प्रेरणादायक व्यक्तित्व
शेफाली ने हमेशा अपने पिता को अपने जीवन का सबसे बड़ा मार्गदर्शक बताया है। हालांकि वे सख्त थे, लेकिन उन्होंने कभी भी बेटी की काबिलियत पर शक नहीं किया। उन्होंने उसे आज़ादी दी, लेकिन ज़िम्मेदारी के साथ। और यही कारण है कि शेफाली कभी भी अपने मार्ग से नहीं भटकीं।
आज की पीढ़ी के लिए संदेश
आज जब कई युवा बिना योजना के सिर्फ प्रसिद्धि की चाह में करियर की दौड़ में कूद पड़ते हैं, शेफाली की कहानी एक बेहतरीन उदाहरण है कि कैसे ग्लैमर और करियर दोनों को संतुलित किया जा सकता है। शिक्षा की बुनियाद पर खड़े सपने ज़्यादा मजबूत होते हैं और विपरीत परिस्थितियों में भी टिके रहते हैं।
उनका यह विचार युवाओं के लिए अत्यंत प्रेरणादायक है कि –
“ग्लैमर की दुनिया बहुत तेज़ है, लेकिन अगर आपकी नींव मजबूत है – यानी आपकी शिक्षा और पारिवारिक संस्कार – तो आप कभी नहीं डगमगाएंगे।”
निष्कर्ष
शेफाली जरीवाला सिर्फ ‘कांटा लगा’ गर्ल नहीं हैं। वे एक शिक्षित, आत्मनिर्भर और पारिवारिक मूल्यों से जुड़ी महिला हैं, जिन्होंने शोहरत की ऊंचाइयों को छूते हुए भी ज़मीन से जुड़ाव नहीं छोड़ा। उन्होंने अपने पिता से किए वादे को निभाया, अपनी पढ़ाई पूरी की, और फिर ग्लैमर इंडस्ट्री में अपनी एक अलग पहचान बनाई।
उनकी कहानी बताती है कि सपनों को उड़ान देने के लिए पंख ही नहीं, दिशा भी चाहिए — और वह दिशा परिवार और शिक्षा से मिलती है। यही वजह है कि शेफाली आज भी लाखों लोगों के लिए सिर्फ एक सितारा नहीं, बल्कि एक प्रेरणा हैं।
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