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तालिबान 2.0 की तैयारी? पाकिस्तान में फिर मंडराया आतंकी खतरा, भारत अलर्ट!

अमेरिका पर अब एक बार फिर ये सवाल उठने लगे हैं। वजह है – अमेरिका ने पहले तालिबान को पाला, फिर जब काम निकल गया तो उसी के खिलाफ जंग छेड़ दी। अब अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक ऐसा फैसला किया है जिससे पाकिस्तान में फिर से आतंक का अड्डा बन सकता है। ट्रंप ने सीरिया के नेताओं से कहा है कि जो भी विदेशी नागरिकता वाले आतंकवादी उनके यहां हैं, उन्हें बाहर भेज दें। अब ज़्यादातर आतंकवादी ISIS से जुड़े हैं और इनमें से कई का सीधा कनेक्शन पाकिस्तान में बैठे आतंकियों से है। ऐसे में खतरा है कि ये आतंकी पाकिस्तान में जाकर बस सकते हैं और अगर ऐसा हुआ, तो भारत के लिए बहुत बड़ा खतरा खड़ा हो सकता है।

अमेरिका पर अब एक बार फिर ये सवाल उठने लगे हैं। वजह है – अमेरिका ने पहले तालिबान को पाला, फिर जब काम निकल गया तो उसी के खिलाफ जंग छेड़ दी। अब अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक ऐसा फैसला किया है जिससे पाकिस्तान में फिर से आतंक का अड्डा बन सकता है। ट्रंप ने सीरिया के नेताओं से कहा है कि जो भी विदेशी नागरिकता वाले आतंकवादी उनके यहां हैं, उन्हें बाहर भेज दें। अब ज़्यादातर आतंकवादी ISIS से जुड़े हैं और इनमें से कई का सीधा कनेक्शन पाकिस्तान में बैठे आतंकियों से है। ऐसे में खतरा है कि ये आतंकी पाकिस्तान में जाकर बस सकते हैं और अगर ऐसा हुआ, तो भारत के लिए बहुत बड़ा खतरा खड़ा हो सकता है।

ट्रंप का नया फैसला – भारत के लिए खतरे की घंटी?

सऊदी अरब पहुंचे अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सीरिया के नेता अहमद अल-शरा उर्फ अबू मोहम्मद अल जुलानी से मुलाकात की। उन्होंने वहां एक बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि अब सीरिया पर लगाए गए कई प्रतिबंध हटाए जा रहे हैं। लेकिन असली बात तो इसके बाद सामने आई। ट्रंप के आदेश में साफ लिखा है कि सीरिया की सरकार अपने देश में मौजूद सभी विदेशी नागरिकता वाले आतंकवादियों को बाहर निकाल दे। इसके साथ ही फ‍िलिस्तीनी आतंकियों को भी उनके देशों में वापस भेजा जाए। उन्होंने ये भी कहा कि ISIS के आतंकवादियों को रखी गई जेलों पर सीरिया का सीधा नियंत्रण हो और अमेरिका को ISIS के दोबारा खड़े होने से रोकने में मदद दी जाए।

अब खतरा ये है कि अगर इन आतंकियों को सीरिया से निकाला जाता है, तो ये पाकिस्तान में पनाह ले सकते हैं। पाकिस्तान पहले से कई आतंकियों को पनाह देता रहा है। ऐसे में भारत के लिए ये एक बड़ा सुरक्षा खतरा बन सकता है।

अगर सीरिया में मौजूद ISIS के आतंकियों को जेल से छोड़ा जाता है, तो वे फिर से सक्रिय हो सकते हैं। कश्मीर और केरल में पहले भी ISIS के आतंकियों की गतिविधियाँ सामने आई हैं, और वे युवाओं को बहकाकर अपनी ओर खींच सकते हैं।

सीरिया में पाकिस्तान, अफगानिस्तान और अन्य मुस्लिम देशों से आए आतंकवादी लंबे समय से हैं। अगर इन आतंकियों को सीरिया से बाहर निकाला जाता है और ये अपने देशों में लौटते हैं, तो दक्षिण एशिया में आतंकवाद फिर से बढ़ सकता है। इससे भारत, अफगानिस्तान और बांगलादेश जैसे देशों के लिए चिंता का विषय होगा।

अगर सीरिया, फिलिस्तीनी आतंकवादियों को अपने देश से बाहर करता है, तो वे फिर से हमास जैसे आतंकवादी संगठन से जुड़ सकते हैं। यह वही संगठन है जिसने इजरायल में बड़े हमले किए थे और सैकड़ों लोगों की जान ले ली थी।

यह भारत के लिए एक बड़ा खतरा हो सकता है, क्योंकि ISIS-K (ISIS खुरासान) ने अफगानिस्तान-पाकिस्तान बॉर्डर इलाके में अपनी मौजूदगी बढ़ाई है और पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI इसे सपोर्ट करती है। अगर सीरिया से विदेशी ISIS लड़ाके बाहर किए जाते हैं, तो पाकिस्तानी मूल के आतंकवादी अपने देश लौट सकते हैं। ये लड़ाके पहले से मौजूद आतंकी नेटवर्क्स में शामिल हो सकते हैं, जो खैबर पख्तूनख्वा, बलूचिस्तान और पंजाब जैसे क्षेत्रों में फैले हुए हैं। इससे भारत के खिलाफ आतंकवादी साजिशें हो सकती हैं, खासकर जम्मू-कश्मीर में। कश्मीर में हाल के वर्षों में ISIS से प्रेरित कट्टरपंथियों के भर्ती होने के मामले सामने आए हैं, जो भारत के लिए चिंता का कारण बन सकते हैं।

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