एक बार फिर मानवता को शर्मसार कर देने वाली घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। मामला है मध्य प्रदेश के नरसिंहपुर जिले का, जहां एक सरकारी अस्पताल के भीतर एक युवक ने नर्स की बेरहमी से गला रेतकर हत्या कर दी। इस दिल दहला देने वाली घटना का सबसे भयावह पहलू यह रहा कि यह सब कुछ अस्पताल में मौजूद लोगों के सामने हुआ, लेकिन किसी ने भी हस्तक्षेप नहीं किया।
क्या है पूरा मामला?
यह भयावह वारदात शुक्रवार को नरसिंहपुर जिला अस्पताल में हुई। मृतक युवती की पहचान संध्या चौधरी के रूप में हुई है, जो कि अस्पताल में ट्रेनी नर्स के तौर पर काम कर रही थी। वहीं, आरोपी युवक की पहचान अभिषेक कोश्ती नामक युवक के रूप में की गई है, जो कि संध्या का कथित प्रेमी था।
पुलिस के अनुसार, आरोपी ने अस्पताल में मौजूद संध्या को देखा और सीधे उस पर चाकू से हमला कर दिया। उसने किसी से कुछ कहे बिना संध्या का गला रेत दिया और मौके से फरार हो गया।
चश्मदीदों की चुप्पी
इस घटना की सबसे हैरान करने वाली बात यह है कि यह सब कुछ अस्पताल के अंदर हुआ, जहां कई मरीज, स्टाफ और अन्य लोग मौजूद थे। लेकिन किसी ने भी इस हमले को रोकने की कोशिश नहीं की। कुछ लोगों ने तो इस पूरी वारदात का वीडियो भी बना लिया जो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।
वीडियो में देखा जा सकता है कि आरोपी युवक पहले संध्या से कुछ बात करता है, और फिर अचानक उस पर हमला कर देता है। अस्पताल में मौजूद एक नर्सिंग ऑफिसर ने बताया कि जब वह संध्या की मदद के लिए आगे बढ़ीं तो आरोपी ने उन्हें भी जान से मारने की धमकी दी। उन्होंने कहा, “उसने मुझसे कहा कि अगर मैंने बीच में आने की कोशिश की तो वो मुझे भी मार देगा।”
प्रेम संबंध बना मौत की वजह
NDTV की रिपोर्ट के अनुसार, नरसिंहपुर पुलिस अधीक्षक मृगाखी डेका ने बताया कि मृतक युवती और आरोपी युवक के बीच पिछले दो वर्षों से प्रेम संबंध थे। लेकिन हाल ही में दोनों के बीच अनबन चल रही थी। प्रारंभिक जांच में यह सामने आया है कि संध्या ने अभिषेक से रिश्ता खत्म करने की कोशिश की थी, जिससे नाराज होकर अभिषेक ने यह खौफनाक कदम उठाया।
मौके पर अफरातफरी और अस्पताल प्रबंधन की प्रतिक्रिया
घटना के तुरंत बाद अस्पताल में अफरातफरी मच गई। जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ. जीसी चौरसिया ने बताया, “मैं अपने ऑफिस में बैठा था जब बाहर से लोगों के चिल्लाने की आवाजें आईं। जब हम बाहर निकले तो देखा कि हमारी नर्स संध्या खून से लथपथ ज़मीन पर पड़ी थी। उसका गला पूरी तरह काट दिया गया था।”
घटना के बाद पुलिस ने पूरे इलाके को सील कर दिया है और आरोपी की तलाश जारी है। कोतवाली थाना प्रभारी गौरव घाटे ने बताया कि आरोपी की गिरफ्तारी के लिए कई टीमें बनाई गई हैं और पूरे शहर को अलर्ट पर रखा गया है।
सोशल मीडिया पर आक्रोश
यह घटना सामने आने के बाद सोशल मीडिया पर लोगों का गुस्सा फूट पड़ा है। लोग पूछ रहे हैं कि आखिर इतने लोगों की मौजूदगी में किसी ने हस्तक्षेप क्यों नहीं किया? अस्पताल जैसे सुरक्षित स्थान पर ऐसी घटनाएं क्या दर्शाती हैं?
कई सामाजिक कार्यकर्ताओं और महिला संगठनों ने भी इस घटना की कड़ी निंदा की है और आरोपी को फास्ट ट्रैक कोर्ट के जरिए सजा देने की मांग की है।
सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल
इस घटना ने एक बार फिर अस्पतालों की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। एक तरफ जहां अस्पतालों में मरीजों की देखभाल की जाती है, वहीं दूसरी ओर सुरक्षा की इतनी बड़ी चूक सामने आना चिंताजनक है। अगर समय रहते अस्पताल में सुरक्षा गार्ड मौजूद होते या CCTV की निगरानी मजबूत होती, तो शायद इस घटना को टाला जा सकता था।
पुलिस की अगली कार्रवाई
पुलिस ने बताया कि आरोपी युवक की पहचान हो चुकी है और उसकी गिरफ्तारी के लिए टीमें अलग-अलग स्थानों पर दबिश दे रही हैं। हत्या का केस दर्ज कर लिया गया है और IPC की धारा 302 के तहत मामला दर्ज किया गया है। आरोपी के खिलाफ पहले से कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है, लेकिन प्रेम संबंधों में चल रही खटास इस हत्या का संभावित कारण मानी जा रही है।
निष्कर्ष
संध्या चौधरी की हत्या सिर्फ एक लड़की की हत्या नहीं है, बल्कि यह समाज के उस मौन और संवेदनहीन चेहरे को भी उजागर करती है जो तमाशबीन बना खड़ा रहता है। अस्पताल जैसे सार्वजनिक स्थल पर एक युवती का गला रेत दिया जाना न केवल कानून व्यवस्था की विफलता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि आज भी महिलाओं की सुरक्षा कितनी कमजोर है।
अब देखना यह होगा कि पुलिस कितनी जल्दी इस मामले में कार्रवाई करती है और क्या आरोपी को सख्त से सख्त सजा मिलती है। लेकिन एक बात तय है – संध्या की मौत ने समाज को एक बार फिर आईना दिखाया है।
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