उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद स्थित लोनी के बीजेपी विधायक नंदकिशोर गुर्जर अपने विवादित बयानों के कारण सुर्खियों में हैं। हाल ही में रामकथा के लिए बिना अनुमति के कलश यात्रा निकालने के दौरान पुलिस के साथ टकराव के बाद, उन्होंने अपनी ही सरकार पर गंभीर आरोप लगाए थे। इस पर बीजेपी ने उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। लेकिन इसके बाद डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने नंदकिशोर गुर्जर का खुले तौर पर समर्थन किया है। इस कदम के जरिए केशव प्रसाद मौर्य क्या सियासी संदेश देना चाहते हैं, यह सवाल अब चर्चा का विषय बन चुका है।
विधायक नंदकिशोर गुर्जर का योगी सरकार पर हमला
नंदकिशोर गुर्जर ने यूपी सरकार के अधिकारियों और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर गंभीर आरोप लगाए थे। उन्होंने कहा था कि मुख्यमंत्री पर तंत्र-मंत्र जादू टोना किया गया है, जिससे उनकी बुद्धि प्रभावित हो गई है। इसके साथ ही उन्होंने यूपी सरकार को सबसे भ्रष्ट सरकार करार दिया और आरोप लगाया कि अधिकारी मुख्यमंत्री को गुमराह कर सरकारी खजाने को लूट रहे हैं।
बीजेपी द्वारा कार्रवाई की तैयारी

बीजेपी ने नंदकिशोर गुर्जर को कारण बताओ नोटिस जारी कर सात दिनों के अंदर जवाब मांगा है। पार्टी ने यह भी पूछा है कि उनके खिलाफ अनुशासनहीनता की कार्रवाई क्यों नहीं की जाए। इससे पार्टी की प्रतिष्ठा को आघात पहुंचने की आशंका जताई जा रही है।
केशव प्रसाद मौर्य का नंदकिशोर गुर्जर के साथ समर्थन
हालांकि, बीजेपी के नोटिस और पार्टी की आलोचनाओं के बावजूद, डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने नंदकिशोर गुर्जर का खुले तौर पर समर्थन किया। रविवार को दादरी के एक कार्यक्रम में वे दोनों एक मंच पर नजर आए, जहां मौर्य ने नंदकिशोर गुर्जर का पक्ष लिया और आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का वादा किया। मौर्य ने कहा कि यूपी सरकार में राम भक्तों और राष्ट्र भक्तों पर फूल बरसाए जाते हैं, न कि लाठियां और धक्का-मुक्की की जाती है।
केशव मौर्य का सियासी संदेश
विश्लेषकों के मुताबिक, केशव प्रसाद मौर्य का नंदकिशोर गुर्जर का समर्थन करना, उनकी खुद की सियासी स्थिति को मजबूत करने की कोशिश है। मौर्य ने पहले भी कई बार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ बयान दिए हैं, और अब गुर्जर के मामले में भी मौर्य ने खुद को योगी विरोधी नेताओं के साथ खड़ा किया है। इस प्रकार, वे अपनी सियासी लॉबी को मजबूत करने की दिशा में कदम बढ़ा रहे हैं।
केशव मौर्य को सीएम बनाने की मांग
हाल ही में बीजेपी विधायक श्याम प्रकाश ने कहा था कि योगी आदित्यनाथ को दिल्ली भेजकर केशव प्रसाद मौर्य को यूपी का मुख्यमंत्री बनाया जाना चाहिए। इसके बाद केशव मौर्य ने भी इस मांग पर कोई स्पष्ट प्रतिक्रिया नहीं दी, बल्कि अपने समर्थन में कहने की हिम्मत दी। इस बयान ने यूपी की सियासत में एक नया मोड़ ला दिया है और केशव मौर्य के सीएम बनने की संभावनाओं को लेकर अटकलें तेज कर दी हैं।
सीएम योगी और केशव मौर्य के बीच तनाव
केशव प्रसाद मौर्य और सीएम योगी आदित्यनाथ के रिश्तों में तनाव की खबरें पहले भी आ चुकी हैं। 2017 में यूपी में बीजेपी की सरकार बनने के बाद, मौर्य खुद को सीएम पद का दावेदार मानते थे, लेकिन सत्ता की कमान योगी आदित्यनाथ को मिली थी। इसके बाद से ही दोनों के रिश्तों में खटास आने की बातें लगातार चर्चा में रही हैं।
नंदकिशोर गुर्जर के समर्थन में केशव मौर्य का कदम
केशव मौर्य का नंदकिशोर गुर्जर के साथ खड़ा होना, यह संदेश दे रहा है कि वे योगी सरकार के खिलाफ बोलने वाले नेताओं के समर्थन में खड़े हैं। वे इस कदम के जरिए अपनी राजनीतिक ताकत और अपनी लॉबी को मजबूत करने का प्रयास कर रहे हैं। साथ ही, यह संदेश भी दिया जा रहा है कि वे उत्तर प्रदेश की राजनीति में अपनी स्थिति को और मजबूत करने के लिए तैयार हैं।















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