दिल्ली विधानसभा में आज मुस्तफाबाद का नाम बदलने का प्राइवेट मेंबर रेजोल्यूशन पेश नहीं हो पाया। बीजेपी विधायक और विधानसभा के डिप्टी स्पीकर मोहन सिंह बिष्ट ने मुस्तफाबाद का नाम बदलकर ‘शिव विहार’ करने की मांग की थी, लेकिन यह प्रस्ताव फिलहाल टल गया। मोहन सिंह बिष्ट ने यह प्रस्ताव स्पीकर के रूप में पेश किया था।
बीजेपी विधायक मोहन सिंह बिष्ट ने कहा, “गुलामी के सभी प्रतीकों के नाम बदलने चाहिए। मेरी विधानसभा का नाम अब शिव विहार होगा। मुसलमान मुस्तफाबाद के नाम से जाने जाते हैं, लेकिन मैं उनका भी विकास करूंगा, और शिव विहार के लोगों का भी।”
आतिशी का बयान
मुस्तफाबाद के नाम बदलने के प्रस्ताव पर आम आदमी पार्टी की नेता आतिशी ने तीखा बयान दिया। उन्होंने कहा कि यह सब मुद्दों से भटकाने के लिए किया जा रहा है। “अगर 2500 रुपये देने की बात उठाई जाती है तो मुस्तफाबाद का नाम बदल दिया जाता है। मुफ्त सिलेंडर पर सवाल उठाएंगे तो अकबर रोड का नाम बदल दिया जाएगा। 50 हजार नौकरियों पर सवाल होगा तो हीमायु रोड का नाम बदल देंगे,” आतिशी ने कहा। उन्होंने यह भी कहा कि उनकी पार्टी इस मुद्दे को लगातार उठाती रहेगी और विपक्ष के तौर पर मजबूत स्थिति में रहेगी।

संजय झा का आलोचना
आम आदमी पार्टी के नेता संजीव झा ने भी नाम बदलने के इस प्रस्ताव पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि यह सरकार नाम बदलने में व्यस्त है, काम में नहीं। “सरकार को गुलामी के प्रतीकों, जैसे लाल किला और कुतुब मीनार, को भी तोड़ देना चाहिए अगर नाम बदलने की इतनी ही फिकर है। नाम बदलने से लोगों का क्या भला होगा?” उन्होंने यह भी कहा कि हजारों उर्दू शब्दों के नाम बदलने का क्या फायदा होगा? “लोग पूछ रहे हैं कि 2500 रुपये कब मिलेंगे, नाम बदलने से ना मुस्तफाबाद का भला होगा, न दिल्ली का।”
अजय महावर ने बाबरपुर का नाम बदलने की मांग की
बीजेपी विधायक अजय महावर ने मुस्तफाबाद के बाद बाबरपुर का नाम बदलने की भी मांग की। उन्होंने कहा कि बाबरपुर का नाम अब्दुल कलाम पर रखा जाना चाहिए, क्योंकि बाबर एक आक्रांता था। “हमारी विधानसभा का नाम उनके नाम पर क्यों रखा जाना चाहिए?” महावर ने सवाल उठाया।
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