धनुष की बहुप्रतीक्षित फिल्म कुबेर आखिरकार सिनेमाघरों में रिलीज़ हो चुकी है, और इसके साथ ही फिल्म को लेकर सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाओं की बाढ़ आ गई है। फिल्म को निर्देशित किया है शेखर कम्मुला ने, जो सादगी भरे लेकिन गहराई से भरे विषयों के लिए जाने जाते हैं। इस फिल्म में धनुष एक भिखारी की भूमिका में नजर आते हैं, जो जीवन की कठिनाइयों के सामने झुकता नहीं, बल्कि डटकर मुकाबला करता है।
फिल्म की कहानी और निर्देशन:
कुबेर की कहानी एक ऐसे व्यक्ति की है जो समाज के सबसे निचले तबके से आता है लेकिन आत्म-सम्मान और ज़िद के सहारे अपनी राह खुद बनाता है। फिल्म की शुरुआत एक झोपड़ी और चौराहे की दुनिया से होती है, लेकिन जैसे-जैसे फिल्म आगे बढ़ती है, यह सामाजिक विषमता, संघर्ष, और आत्मसम्मान की गहराई में उतरती जाती है। शेखर कम्मुला ने एक बेहद संवेदनशील विषय को बिना उपदेशात्मक हुए बहुत असरदार ढंग से प्रस्तुत किया है।
धनुष का शानदार प्रदर्शन:
धनुष ने एक बार फिर यह साबित किया कि वे अभिनय के सच्चे उस्ताद हैं। एक भिखारी के किरदार में ढलना आसान नहीं होता, लेकिन धनुष की आंखों की भाषा, उनके हावभाव और संवाद अदायगी ने किरदार में जान फूंक दी। दर्शकों और समीक्षकों दोनों ने इस बात को स्वीकार किया है कि यह उनके करियर के सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शनों में से एक है।
सह कलाकारों का योगदान:
फिल्म में नागार्जुन, रश्मिका मंदाना, जिम सर्भ और दलीप ताहिल जैसे अनुभवी कलाकार भी अहम भूमिकाओं में हैं। नागार्जुन का किरदार पहले हाफ में खासा प्रभावशाली है और धनुष के साथ उनके दृश्य फिल्म का मुख्य आकर्षण बन जाते हैं। रश्मिका मंदाना की भूमिका कमाल की है—एक मजबूत, आत्मनिर्भर महिला किरदार, जैसा कि शेखर कम्मुला अपनी फिल्मों में लिखने के लिए मशहूर हैं। जिम सर्भ और दलीप ताहिल ने भी अपने सीमित स्क्रीन स्पेस में दमदार छाप छोड़ी है।
सेलेब्स की प्रतिक्रियाएं:
फिल्म की रिलीज़ के मौके पर साउथ इंडस्ट्री के बड़े सितारे भी कुबेर की टीम को शुभकामनाएं देते नजर आए। साई पल्लवी ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर एक भावुक पोस्ट में लिखा, “@dhanushkraja सर की एक्टिंग और चुनौतीपूर्ण किरदार चुनने की कला में मास्टरक्लास… @sekharkammula गरु जैसे शुद्ध दिल और शिल्प के धनी निर्देशक पीढ़ियों को प्रभावित करते हैं।”
निर्देशक संदीप रेड्डी वांगा ने लिखा कि यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर सुपरहिट होगी, वहीं महेश बाबू ने इसे “बहुत आशाजनक” करार देते हुए पूरी टीम को शुभकामनाएं दीं।
नेटिज़न रिव्यू:
सोशल मीडिया पर कुबेर को लेकर शुरुआती प्रतिक्रिया बेहद सकारात्मक रही है। एक यूज़र ने लिखा, “विश्वास नहीं होता कि एक कमर्शियल फॉर्मूलों से हटकर बनाई गई फिल्म इतनी प्रभावशाली हो सकती है।” एक और रिव्यू में कहा गया, “तीन घंटे से ज़्यादा की लंबी फिल्म होने के बावजूद कहानी आपको बांधे रखती है। कोई जबरदस्ती का गीत या कॉमेडी नहीं है, सिर्फ प्रभावशाली कहानी और गहरी भावनाएँ हैं।”
एक अन्य यूज़र ने लिखा, “इस फिल्म में कोई ‘हीरो’ नहीं है, हर किरदार महत्वपूर्ण है। धनुष ने अब तक का अपना सबसे अच्छा प्रदर्शन दिया है। नागार्जुन को इस तरह की भूमिका में देखना ताजगी भरा अनुभव है, जबकि रश्मिका की परफॉर्मेंस और डीएसपी का संगीत फिल्म को नई ऊंचाइयों तक ले जाता है।”
तकनीकी पक्ष और संगीत:
फिल्म का संगीत दिया है देवी श्री प्रसाद (डीएसपी) ने, और एक बार फिर उन्होंने साबित किया कि कैसे बैकग्राउंड स्कोर कहानी को और असरदार बना सकता है। फिल्म का सिनेमैटोग्राफ़ी, खासकर लोकेशन शॉट्स और भावनात्मक दृश्यों को पकड़ने की कला, दर्शकों के दिलों को छूने वाली है। एडिटिंग कसी हुई है और लंबाई के बावजूद फिल्म कहीं भी बोर नहीं करती।
सामाजिक संदेश:
कुबेर सिर्फ एक फिल्म नहीं, बल्कि एक सामाजिक टिप्पणी है—गरीबी, आत्मसम्मान, सामाजिक वर्गों के भेदभाव और संघर्ष के विषयों पर। यह उन फिल्मों में से है जो आपको सिनेमा हॉल से बाहर आने के बाद भी सोचने पर मजबूर करती हैं।
निष्कर्ष:
कुबेर एक साहसिक, संवेदनशील और बेहद खूबसूरत फिल्म है जो अपने विषय, अभिनय और प्रस्तुति के स्तर पर दर्शकों को संतुष्ट करती है। यह फिल्म न सिर्फ धनुष के करियर की अहम कड़ी है, बल्कि टॉलीवुड की मेनस्ट्रीम कहानियों में एक सकारात्मक बदलाव की बानगी भी है।
यदि आप सिनेमा को केवल मनोरंजन नहीं बल्कि एक अनुभव मानते हैं, तो कुबेर आपके लिए है। यह फिल्म उम्मीद, संघर्ष और आत्मसम्मान की कहानी है—एक ऐसी कहानी जो हर किसी को ज़रूर देखनी चाहिए।
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