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ईरान ने इज़राइल पर किया क्लस्टर बम से हमला: जानिए इन हथियारों का खौफनाक सच और अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों की कहानी

Iran attacks Israel with cluster bombs: Know the horrifying truth of these weapons and the story of international sanctions

इज़राइल पर क्लस्टर बॉम्ब हमले का मामला

  • 19–20 जून को ईरान की ओर से इज़राइल पर मिसाइल हमला हुआ, जिसमें रिपोर्ट्स के अनुसार कम से कम एक मिसाइल क्लस्टर बम्ब वॉरहेड से लैस थी। इस हमले में छोटे “सबम्यूनिशन्स” फैलने का आरोप है जो नागरिक इलाकों में विस्फोटित हुए .
  • इज़राइली सेना ने बताया कि मिसाइल ने लगभग 20 सबम्यूनिशन्स को फैलाया, जो केंद्रीय इज़राइल में लगभग 8 किमी² क्षेत्र में गिरे .
  • पहला क्लस्टर बॉम्ब हमला माना जा रहा है इस सात‑दिन पुराने संघर्ष में .

क्लस्टर बॉम्ब क्या हैं और क्यों खतरनाक?

  • क्लस्टर बॉम्ब या क्लस्टर म्यूनिशन्स एक मिसाइल या बम होती है जो छोटे-छोटे सबम्यूनिशन्स को फैलाती है, अक्सर सैकड़ों की संख्या में, व्यापक क्षेत्र में .
  • ये विस्फोटित न भी हों, तो भी अनफट सबम्यूनिशन्स देर तक जमीन में रहते हैं और माइन की तरह नागरिकों (विशेषकर बच्चों) को घायल या हताहत कर सकते हैं .
  • आतंकित, कष्टदायक और महंगे होते हैं इन्हें हटाना—यह बच्चों के खेल क्षेत्र, खेत, पुनर्विकास कार्यों समेत बेहतरीन मैपिंग को रोकते हैं .

अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंध (Convention on Cluster Munitions—CCM)

  • 2008 की डबलिन संधि के तहत 123 देशों ने क्लस्टर म्यूनिशन्स पर प्रतिबंध लगाया, जो 1 अगस्त 2010 से लागू हुई
  • यह संधि क्लस्टर बमों के उपयोग, उत्पादन, भंडारण और ट्रांसफर की मनाही करती है।
  • भारत, रूस, चीन, यूएसए, ईरान और इज़राइल जैसे बड़े देश इस संधि पर हस्ताक्षर नहीं करते .

क्लस्टर बमों के खतरों पर अंतरराष्ट्रीय आकड़े

  • 2022 में रिपोर्ट के अनुसार कुल लगभग 1,172 लोग क्लस्टर बॉम्ब हमलों से मारे या घायल हुए, जिसमें 93% नागरिक तथा 47% बच्चे शामिल थे
  • यूक्रेन में रूस और यूक्रेन दोनों द्वारा इन हथियारों के इस्तेमाल से न केवल हाल ही में, बल्कि पुनर्विकास में भी जान-माल की भारी क्षति हुई .
  • उप-अक्ष मिशनों का लगभग 40% हिस्सा न फूटने के कारण विस्थापन के समय बाद भी खतरा जनक रहता है .

क्लस्टर हथियार क्यों विवादित?

  1. जहां-तहाँ फैला विस्फोट: यथार्थवादी लक्ष्य और नागरिकों के बीच किसी अंतर की पहचान नहीं, जिससे कानून और मानवाधिकार बाधित होते हैं .
  2. दीर्घकालिक जोखिम: जमीनी जमावारा अनफट मिशन धीरे-धीरे या सालों बाद भी जानलेवा बन सकता है .
  3. महंगा निगरानी: राहत कार्यों में न केवल लोगों की जान, बल्कि सामाजिक और आर्थिक संरचना भी प्रभावित होती है .

ईरान–इज़राइल संघर्ष में हाल की स्थिति

  • मिसाइल निकासी से अस्पताल (जैसे बेएर्सहेबा का Soroka Medical Center) और आवासीय इलाकों को भारी क्षति
  • इज़राइल ने परमाणु स्थल (Arak, Natanz) पर धमाकों का जवाब दिया है
  • वैश्विक स्तर पर कूटनीतिक दबाव: ट्रम्प प्रशासन की प्रतिक्रिया, यूरोप का गीनेवा में संयम की कोशिशें .

समग्र निष्कर्ष

  • क्लस्टर बम का उपयोग इस संघर्ष में एक गंभीर लाल रेखा पार करना है, क्योंकि ये हथियार अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार और युद्ध कानूनों का उल्लंघन माने जाते हैं।
  • यह प्रथम घटना है जब इस आधुनिक संघर्ष में क्लस्टर म्यूनिशन्स की रिपोर्ट हुई है, जिसने वैश्विक चिंताओं को हवा दी है .
  • विशेष रूप से इज़राइल ने चेतावनी जारी की है कि यह नागरिकों के विनाश पर केंद्रित है और इसके खतरों से लोग तुरंत सतर्क रहें .
  • लेकिन क्या यह उपयोग क्लस्टर बम संधि पर हस्ताक्षर न करने वाले देशों द्वारा नए राजनैतिक तनावों को दर्शाता है?
  • वैश्विक स्तर पर, मानवता एवं दीर्घकालिक सुरक्षा के दृष्टिकोण से इस तरह के हथियारों का प्रयोग बेहद चिंतनीय है।

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