मंगलवार की सुबह से कोलकाता और दक्षिण बंगाल के कई हिस्सों में लगातार हो रही मूसलधार बारिश ने शहर की रफ्तार पर जैसे ब्रेक लगा दिया हो। सड़कों पर घुटनों तक भरा पानी, ट्रैफिक जाम, बंद पड़ी बसें और ठप हुआ सामान्य जीवन – ये मंगलवार को कोलकाता के हालात का एक संक्षिप्त चित्रण भर है।
भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने पहले ही भारी बारिश की चेतावनी दी थी, और मंगलवार को यह चेतावनी हकीकत में बदल गई। सुबह से शुरू हुई लगातार और तेज बारिश ने कोलकाता नगर निगम और राज्य प्रशासन की तैयारियों की पोल खोल कर रख दी।
■ सबसे अधिक प्रभावित इलाके
कोलकाता के कई प्रमुख और रिहायशी इलाके जलमग्न हो गए हैं। इनमें प्रमुख रूप से शामिल हैं:
- ठनठनिया, कॉलेज स्ट्रीट, बो बाज़ार, बेहाला, गार्डन रीच, मेटियाब्रुज, रशबिहारी, सिलपारा, साखेरबाज़ार, गोल्फ ग्रीन, कासबा, बालीगंज, सेंट्रल एवेन्यू, उल्टाडांगा, बीबी गांगुली स्ट्रीट, नॉर्थ पोर्ट थाना क्षेत्र — ये सभी इलाके भारी जलजमाव से जूझ रहे हैं।
इन इलाकों में कई जगहों पर पानी का स्तर इतना अधिक है कि कारें, स्कूटर और बाइक पूरी तरह डूब चुके हैं। कासबा से लेकर कांकरगाछी तक और टाला से टॉलीगंज तक की सड़कें जल में समा गई हैं।
■ नगर निगम की कोशिशें और चुनौतियाँ
कोलकाता नगर निगम (KMC) ने हालात से निपटने के लिए कई इलाकों में पोर्टेबल सक्शन पंप और सक्शन ट्रक तैनात किए हैं। इनकी मदद से पानी को निकालने की कोशिशें जारी हैं, लेकिन लगातार बारिश के चलते जलनिकासी की प्रक्रिया बेहद धीमी हो गई है।
नगर निगम के एक अधिकारी ने बताया:
“हमने सभी संवेदनशील इलाकों में पंप लगाए हैं, लेकिन पानी की तीव्रता इतनी अधिक है कि पानी निकलने के पहले ही फिर भर जाता है। VIP रोड, बेहाला और बालीगंज जैसे क्षेत्रों में बारिश की मात्रा सामान्य से बहुत अधिक है।”
■ यातायात व्यवस्था चरमराई, लोगों को भारी परेशानी
भारी बारिश के कारण कोलकाता ट्रैफिक पुलिस की व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई। खासकर एयरपोर्ट के आसपास के इलाकों – काईखाली, हाल्दीराम, VIP रोड और बागुईआटी – में जाम की स्थिति बदतर हो गई। ongoing मेट्रो निर्माण कार्य के कारण पहले से ही संकुचित हो चुके मार्ग बारिश में जलभराव के चलते पूरी तरह से बंद जैसे हो गए।
पाटीपुकुर और उल्टाडांगा जैसे इलाकों में अंडरपास पूरी तरह जलमग्न हो गए, जिससे कारों का बंद हो जाना और जाम की स्थिति और भी गंभीर हो गई।
एक स्थानीय निवासी ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया:
“कोलकाता मॉनसून में सबसे भयानक जगह बन जाती है। ट्रैफिक विभाग का कोई असर नहीं दिखता। एयरपोर्ट के पास 45 मिनट से फंसे हुए हैं। हर साल हालात और बदतर होते जा रहे हैं।”
■ बस, ट्राम और टैक्सी सेवाएं ठप
- बस सेवाएं: सड़कों पर भरे पानी के कारण राज्य परिवहन निगम की अधिकांश बसें रूट से हटा दी गई हैं या समय से नहीं चल पा रहीं।
- ट्राम सेवा: शहर की ऐतिहासिक ट्राम सेवा लगभग पूरी तरह बंद है क्योंकि ट्राम ट्रैक पर पानी भर चुका है।
- टैक्सी और ऐप-आधारित कैब सेवाएं: या तो चालकों ने सेवाएं बंद कर दी हैं या किराया तीन गुना तक बढ़ा दिया गया है। कई लोगों को कार्यालय तक पहुंचने में तीन से चार घंटे लग गए।
■ स्कूल-कॉलेज और ऑफिस जाने वालों की परेशानी
सबसे अधिक परेशानी विद्यार्थियों और दफ्तर जाने वाले लोगों को हो रही है। भारी बारिश के कारण स्कूल बसें रद्द हो गईं, और पैदल या सार्वजनिक परिवहन से स्कूल पहुंचना असंभव जैसा हो गया।
दफ्तर जाने वाले लोग सुबह से ही बस अड्डों, मेट्रो स्टेशनों और ऑटो स्टैंडों पर भटकते देखे गए।
कासबा, बालीगंज, सिलपारा और साखेरबाज़ार जैसे इलाकों में लोग घर से बाहर निकल ही नहीं सके।
■ दक्षिण बंगाल में भी भारी बारिश का असर
सिर्फ कोलकाता ही नहीं, बल्कि बांकुड़ा, पुरुलिया, पूर्व और पश्चिम मेदिनीपुर, झाड़ग्राम, उत्तर और दक्षिण 24 परगना, हावड़ा और हुगली जिलों में भी भारी बारिश हुई है।
मंगलवार सुबह तक ही दक्षिण बंगाल में औसतन 19.4 मिमी वर्षा दर्ज की गई। मौसम विभाग के अनुसार, यह बारिश अगले 24 से 48 घंटे तक जारी रह सकती है।
IMD के मुताबिक, इन जिलों में हवा की रफ्तार 30 से 40 किमी प्रति घंटे तक जा सकती है। साथ ही बिजली गिरने और पेड़ों के गिरने की भी आशंका है।
■ VIP रोड और हाल्दीराम का जलजमाव: पुरानी समस्या, नया संकट
VIP रोड और हाल्दीराम इलाका पहले से ही जलजमाव के लिए कुख्यात रहा है। ongoing मेट्रो निर्माण और inadequate drainage system के कारण यहां मामूली बारिश में भी जलभराव हो जाता है। लेकिन मंगलवार की बारिश ने हालात को अभूतपूर्व बना दिया।
स्थानीय दुकानदारों का कहना है:
“हर साल यही होता है। VIP रोड का नाम तो है लेकिन सुविधा कुछ नहीं। ग्राहक नहीं आ पा रहे, सामान भीग गया, नुकसान तो तय है।”
■ प्रशासन की तैयारियों पर सवाल
शहरवासियों का एक बड़ा वर्ग अब कोलकाता नगर निगम और राज्य सरकार की आपदा प्रबंधन योजनाओं पर सवाल उठा रहा है।
एक युवा छात्र ने कहा:
“हर साल मॉनसून आता है, लेकिन कोई स्थायी समाधान नहीं निकलता। नगर निगम की योजनाएं सिर्फ कागजों पर ही दिखती हैं।”
सिविल सोसाइटी और पर्यावरण विशेषज्ञों का कहना है कि शहर का ड्रेनेज सिस्टम पुराने ढांचे पर आधारित है, जो अब बदलती जलवायु और शहरीकरण की तीव्रता को झेलने में असमर्थ है।
■ मौसम विभाग की चेतावनी: अगले 24 घंटे बेहद महत्वपूर्ण
IMD ने स्पष्ट कर दिया है कि भारी से बहुत भारी बारिश का दौर जारी रहेगा। विशेष रूप से:
- कोलकाता, उत्तर और दक्षिण 24 परगना, हावड़ा, हुगली में अत्यधिक बारिश के साथ तेज़ हवाएं चलेंगी।
- बांकुड़ा, पुरुलिया, मेदिनीपुर और झाड़ग्राम जैसे जिले अगले दो दिन तक निगरानी में रहेंगे।
■ निष्कर्ष: जलभराव, जाम और चिंता का कोलकाता
कोलकाता एक बार फिर बारिश के आगे बेबस नज़र आया। हर साल की तरह इस साल भी बारिश ने न केवल नागरिक सुविधाओं की पोल खोली, बल्कि शहरी विकास और बुनियादी ढांचे पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
जरूरत है दीर्घकालिक समाधान की — केवल अस्थायी पंपिंग सिस्टम या जल निकासी नहीं, बल्कि नए ड्रेनेज मास्टर प्लान, जल प्रवाह के लिए स्मार्ट इंफ्रास्ट्रक्चर और नागरिक सहभागिता की।
जब तक कोलकाता खुद को मॉनसून के अनुकूल नहीं बनाता, तब तक हर बारिश इसी तरह शहर को डुबोती रहेगी — ट्रैफिक ठप, स्कूल बंद, दुकानें सूनी, और जनता हताश।
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