फंड होने के बावजूद जरूरी काम नहीं किए गए
दिल्ली में स्वास्थ्य सुविधाओं की उपलब्धियां गिनाने वाली आम आदमी पार्टी (AAP) की सरकार पर बड़ा सवाल खड़ा हुआ है। कैग (CAG) रिपोर्ट के अनुसार, 2016-17 से 2021-22 तक इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं के लिए मिले फंड में से 2,623 करोड़ रुपये खर्च ही नहीं हो पाए। जब स्वास्थ्य विभाग में कोई बड़ा कार्य नहीं हुआ, तो इतना बड़ा फंड आखिर कहां गया?
6 साल में 2,623 करोड़ रुपये खर्च नहीं हुए
कैग रिपोर्ट के आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली सरकार को हर साल इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स के लिए करोड़ों रुपये मिले, लेकिन वे इस्तेमाल नहीं किए गए:
- 2016-17: 288.45 करोड़
- 2017-18: 282.48 करोड़
- 2018-19: 553.76 करोड़
- 2019-20: 497.25 करोड़
- 2020-21: 466.92 करोड़
- 2021-22: 191.48 करोड़
इन 6 सालों में कुल 2,623.35 करोड़ रुपये का इस्तेमाल नहीं हुआ।
कोरोना काल में भी केंद्र द्वारा दिए गए फंड का सही उपयोग नहीं

कोरोना महामारी के दौरान केंद्र सरकार ने दिल्ली सरकार को 635 करोड़ रुपये की सहायता दी, लेकिन इसमें से केवल 270.55 करोड़ रुपये ही खर्च किए गए। यानी 360 करोड़ रुपये का कोई हिसाब नहीं है, जबकि दिल्ली में उस समय ऑक्सीजन और अस्पतालों में बेड की भारी कमी थी।
किन मदों में खर्च नहीं हुआ फंड?
- डायग्नॉस्टिक और सैंपल ट्रांसपोर्ट: 371.06 करोड़ मिले, सिर्फ 68.91 करोड़ खर्च हुए।
- दवाइयां और PPE किट/मास्क: 119.85 करोड़ मिले, लेकिन 83.14 करोड़ ही खर्च हुए।
- ह्यूमन रिसोर्स एक्सपोर्ट: 52 करोड़ मिले, सिर्फ 30.52 करोड़ खर्च हुए।
- IEC/BEC (जानकारी और जागरूकता अभियान): 6.93 करोड़ मिले, 6.20 करोड़ खर्च हुए।
- अन्य खर्च: 61.11 करोड़ मिले, लेकिन सिर्फ 57.11 करोड़ खर्च किए गए।
32,000 बेड के वादे पर भी अमल नहीं
AAP सरकार ने चार अलग-अलग बजट में 32,000 बेड वाले अस्पताल बनाने का दावा किया था, लेकिन सिर्फ 1,235 बेड के अस्पताल ही बनाए गए।
सवाल उठना लाजमी
कैग रिपोर्ट से साफ है कि दिल्ली सरकार को स्वास्थ्य विभाग के लिए पर्याप्त फंड मिला, लेकिन इसका सही उपयोग नहीं हुआ। खासकर महामारी के दौरान जब स्वास्थ्य सुविधाओं की सबसे ज्यादा जरूरत थी, तब भी करोड़ों रुपये खर्च नहीं किए गए। अब सवाल उठता है कि आखिर यह पैसा गया कहां?
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