भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर इस समय आधिकारिक दौरे पर संयुक्त राज्य अमेरिका में हैं, जहां उन्होंने अमेरिका के शीर्ष सुरक्षा, खुफिया और ऊर्जा अधिकारियों से मुलाकात की। इस यात्रा का उद्देश्य भारत और अमेरिका के बीच रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत बनाना है, विशेष रूप से आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई, संगठित अपराध, नशीली दवाओं की तस्करी, रक्षा सहयोग और ऊर्जा परिवर्तन जैसे क्षेत्रों में।
जयशंकर की यह यात्रा अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रूबियो के आमंत्रण पर हो रही है, जिसमें वे क्वाड (Quad) विदेश मंत्रियों की बैठक में भी हिस्सा ले रहे हैं।
एफबीआई डायरेक्टर कश पटेल से मुलाकात: संगठित अपराध और आतंकवाद पर चर्चा
जयशंकर ने बुधवार (स्थानीय समय) को एफबीआई के निदेशक कश पटेल से वाशिंगटन डीसी में मुलाकात की। बैठक के दौरान दोनों पक्षों ने संगठित अपराध, नशीली दवाओं की तस्करी और आतंकवाद के खिलाफ साझा रणनीति पर विचार-विमर्श किया।
जयशंकर ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए कहा:
“संगठित अपराध, ड्रग तस्करी और आतंकवाद से मुकाबले में हमारे मजबूत सहयोग की सराहना करता हूं। एफबीआई डायरेक्टर कश पटेल से मिलकर अच्छा लगा।”
यह पोस्ट बाद में एफबीआई निदेशक कश पटेल द्वारा भी री-पोस्ट की गई, जिससे यह स्पष्ट होता है कि दोनों देशों के बीच सुरक्षा सहयोग को लेकर गहरी सहमति और प्रतिबद्धता बनी हुई है।
अमेरिकी खुफिया निदेशक तुलसी गैबर्ड से वार्ता: वैश्विक स्थिति और द्विपक्षीय सहयोग
जयशंकर ने अमेरिका की खुफिया एजेंसी के निदेशक और पूर्व सांसद तुलसी गैबर्ड से भी मुलाकात की। बैठक के बाद उन्होंने कहा:
“आज दोपहर वाशिंगटन डीसी में अमेरिकी खुफिया निदेशक तुलसी गैबर्ड से मिलकर प्रसन्नता हुई। वैश्विक परिस्थितियों और हमारे द्विपक्षीय सहयोग पर सार्थक चर्चा हुई।”
गौरतलब है कि तुलसी गैबर्ड अमेरिका की पहली हिंदू सांसद रही हैं और भारत-अमेरिका संबंधों को लेकर हमेशा सकारात्मक रुख अपनाती रही हैं। यह बैठक दोनों देशों के इंटेलिजेंस सहयोग और वैश्विक रणनीतिक नजरिए को एकरूप करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।
ऊर्जा सचिव क्रिस राइट से मुलाकात: भारत में ऊर्जा परिवर्तन पर फोकस
जयशंकर ने मंगलवार को अमेरिका के ऊर्जा सचिव क्रिस राइट से मुलाकात की। इस चर्चा में भारत में चल रहे ऊर्जा परिवर्तन (Energy Transition) की दिशा और अमेरिका के साथ ऊर्जा साझेदारी के नए अवसरों पर बात हुई।
जयशंकर ने इस बैठक के बाद लिखा:
“आज शाम वाशिंगटन डीसी में अमेरिकी ऊर्जा सचिव क्रिस राइट से उपयोगी बातचीत हुई। भारत में हो रहे ऊर्जा परिवर्तन और भारत-अमेरिका ऊर्जा साझेदारी को गहराई देने के अवसरों पर चर्चा हुई।”
यह बैठक जलवायु परिवर्तन और हरित ऊर्जा को लेकर दोनों देशों की प्रतिबद्धताओं को और मजबूत बनाने के संकेत देती है।
अमेरिकी रक्षा सचिव पीट हेगसेथ से वार्ता: रक्षा साझेदारी को नई ऊंचाइयों की ओर
जयशंकर ने अमेरिकी रक्षा सचिव पीट हेगसेथ से भी मुलाकात की और भारत-अमेरिका रक्षा सहयोग को आगे बढ़ाने पर बातचीत की। चर्चा में दोनों देशों की क्षमताओं, रणनीतिक हितों और वैश्विक जिम्मेदारियों में बढ़ती एकरूपता को रेखांकित किया गया।
दोनों नेताओं ने साझा सैन्य अभ्यास, तकनीकी सहयोग, रक्षा उत्पादन, और इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में रणनीतिक स्थिरता को लेकर रणनीतियां साझा कीं।
क्वाड विदेश मंत्रियों की बैठक: इंडो-पैसिफिक में शांति और स्थिरता पर ज़ोर
जयशंकर ने वाशिंगटन डीसी में क्वाड (Quad) विदेश मंत्रियों की बैठक में भाग लिया, जिसमें भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया के विदेश मंत्री शामिल हुए। इस बैठक में इंडो-पैसिफिक क्षेत्र को स्वतंत्र, समावेशी और स्थिर बनाए रखने, आपदा प्रबंधन, समुद्री सुरक्षा, साइबर सुरक्षा और जलवायु परिवर्तन जैसे मुद्दों पर चर्चा हुई।
बैठक के बाद जयशंकर ने एक्स पर लिखा:
“क्वाड विदेश मंत्रियों की बैठक अभी समाप्त हुई। आज की चर्चा क्वाड को समकालीन अवसरों और चुनौतियों के अनुरूप अधिक केंद्रित और प्रभावशाली बनाने पर रही। इस बैठक से इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में रणनीतिक स्थिरता को और बल मिलेगा।”
क्वाड को चीन के बढ़ते प्रभाव के जवाब में रणनीतिक समूह के रूप में देखा जाता है, और जयशंकर की उपस्थिति इसमें भारत की भूमिका को और मजबूत करती है।
अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रूबियो से मुलाकात: बहुआयामी द्विपक्षीय सहयोग पर बातचीत
जयशंकर ने क्वाड बैठक के दौरान अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रूबियो से भी मुलाकात की। इस द्विपक्षीय बैठक में सुरक्षा, क्रिटिकल टेक्नोलॉजी, कनेक्टिविटी, ऊर्जा और मोबिलिटी जैसे क्षेत्रों में सहयोग पर व्यापक चर्चा हुई।
दोनों नेताओं ने तकनीकी क्षेत्र में साझा अनुसंधान, सेमीकंडक्टर निर्माण, क्लीन एनर्जी, और उन्नत रक्षा उत्पादन को प्राथमिकता देने की बात कही।
निष्कर्ष: भारत-अमेरिका संबंधों में नया आयाम
विदेश मंत्री एस. जयशंकर की यह अमेरिका यात्रा भारत और अमेरिका के बीच बहुआयामी रणनीतिक साझेदारी को और गहरा करने की दिशा में एक अहम कड़ी साबित हो रही है। आतंकवाद और संगठित अपराध के खिलाफ मजबूत सहयोग, ऊर्जा क्षेत्र में संभावनाओं का दोहन, रक्षा साझेदारी को नई ऊंचाइयों पर ले जाना, और क्वाड जैसे मंचों के ज़रिए वैश्विक स्थिरता में योगदान – ये सभी पहलू इस यात्रा की प्रमुख उपलब्धियां हैं।
जयशंकर का यह दौरा यह भी दर्शाता है कि भारत अब केवल एक उभरती हुई शक्ति नहीं, बल्कि एक विश्वसनीय, निर्णायक और रणनीतिक साझेदार के रूप में स्थापित हो चुका है – विशेष रूप से अमेरिका जैसे देशों के लिए, जो लोकतंत्र, तकनीक और सुरक्षा के साझा मूल्यों को प्राथमिकता देते हैं।
यह यात्रा भविष्य के भारत-अमेरिका संबंधों की दिशा तय करने वाली मील का पत्थर साबित हो सकती है।
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