दिल्ली में कांवड़ यात्रा के मद्देनज़र एक अहम घोषणा सामने आई है। दिल्ली सचिवालय में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने मीडिया को संबोधित करते हुए बताया कि इस बार कांवड़ यात्रा को अत्यंत भव्य और व्यवस्थित तरीके से संपन्न कराया जाएगा। इस मौके पर मुख्यमंत्री के साथ दिल्ली सरकार के कई कैबिनेट मंत्री भी मौजूद थे। मुख्यमंत्री ने बताया कि “कांवड़ यात्रा सिर्फ एक धार्मिक यात्रा नहीं, बल्कि श्रद्धा, आस्था और समर्पण की प्रतीक है। दिल्ली सरकार इसे लेकर पूरी तरह प्रतिबद्ध है।”
मुख्यमंत्री धार्मिक उत्सव समिति का गठन
रेखा गुप्ता ने बताया कि दिल्ली सरकार एक नई योजना – “मुख्यमंत्री धार्मिक उत्सव समिति” – शुरू कर रही है, जिसका उद्देश्य राजधानी में धार्मिक यात्राओं और पर्वों को सुचारू रूप से आयोजित करना होगा। इस समिति की अध्यक्षता एक कैबिनेट मंत्री करेंगे, और इसमें दिल्ली सरकार के विभिन्न विभागों के अधिकारी भी शामिल होंगे। समिति का काम होगा – यात्रियों की सुविधा, सुरक्षा और आवश्यक संसाधनों की उपलब्धता सुनिश्चित करना।
1200 यूनिट तक मुफ्त बिजली
इस योजना के तहत दिल्ली सरकार ने कांवड़ कैंपों को 1200 यूनिट तक मुफ्त बिजली देने का निर्णय लिया है। इन कैंपों में ठहरने वाले श्रद्धालुओं के लिए रोशनी, पंखे, चार्जिंग पॉइंट्स और अन्य जरूरी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। मुख्यमंत्री ने कहा, “हम चाहते हैं कि श्रद्धालुओं को किसी भी तरह की असुविधा न हो और वे पूरी श्रद्धा और भक्ति के साथ अपनी यात्रा पूर्ण कर सकें।”
कांवड़ कैंपों में व्यापक इंतज़ाम
दिल्ली सरकार द्वारा लगाए जाने वाले कांवड़ कैंपों में सिर्फ बिजली ही नहीं, बल्कि पानी, साफ-सफाई, चिकित्सा सुविधा, मोबाइल टॉयलेट्स और भोजन की व्यवस्था भी की जाएगी। इन कैंपों की निगरानी खुद सरकार की ओर से नियुक्त अधिकारी करेंगे ताकि किसी भी तरह की चूक न हो। इसके अलावा श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए दिल्ली पुलिस के साथ समन्वय बनाकर खास सुरक्षा इंतज़ाम भी किए जाएंगे।
आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने बताया कि इस बार श्रद्धालुओं के लिए मोबाइल ऐप और हेल्पलाइन नंबर की सुविधा भी शुरू की जा रही है। इस ऐप के ज़रिए श्रद्धालु अपने नज़दीकी कैंप की जानकारी प्राप्त कर सकेंगे, साथ ही किसी आपात स्थिति में तुरंत सहायता भी पा सकेंगे। इस हेल्पलाइन को 24×7 चालू रखा जाएगा।
दिल्ली – श्रद्धा और संस्कृति की राजधानी
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने कहा, “दिल्ली केवल देश की राजनीतिक राजधानी नहीं, बल्कि एक सांस्कृतिक राजधानी भी है। यहाँ सभी धर्मों, मान्यताओं और परंपराओं का समान सम्मान होता है। कांवड़ यात्रा इस सांस्कृतिक विविधता का एक अहम हिस्सा है और हम इसे पूर्ण समर्पण के साथ निभाएंगे।”
सभी विभागों को अलर्ट मोड में रखा गया
रेखा गुप्ता ने कहा कि दिल्ली सरकार के सभी संबंधित विभाग – जल बोर्ड, बिजली विभाग, स्वास्थ्य विभाग, सफाई कर्मी, और नगर निगम को अलर्ट मोड पर रखा गया है। कैंपों की स्थापना से लेकर उनका संचालन और समापन तक हर स्तर पर निगरानी की जाएगी।
श्रद्धालुओं के लिए मेडिकल टीम और एंबुलेंस
दिल्ली सरकार ने यह भी घोषणा की कि हर प्रमुख कांवड़ कैंप में मेडिकल टीम और कम से कम एक एंबुलेंस की सुविधा सुनिश्चित की जाएगी। किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए विशेष मेडिकल कंट्रोल रूम भी स्थापित किया जाएगा, जो विभिन्न अस्पतालों से समन्वय करेगा।
यातायात और ट्रैफिक प्रबंधन की तैयारी
दिल्ली ट्रैफिक पुलिस को भी निर्देश दिए गए हैं कि कांवड़ यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं के रास्ते में ट्रैफिक जाम या अन्य व्यवधान न हो। इसके लिए वैकल्पिक रूट प्लान तैयार किए जा रहे हैं। साथ ही, कांवड़ यात्रियों के मार्ग में किसी भी अवैध निर्माण या अतिक्रमण को हटाया जाएगा।
निष्कर्ष:
कांवड़ यात्रा एक गहरी धार्मिक परंपरा है, जिसे दिल्ली सरकार पूरी गरिमा, भक्ति और आधुनिक व्यवस्थाओं के साथ मनाने जा रही है। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की ओर से ‘मुख्यमंत्री धार्मिक उत्सव समिति’ जैसी पहल न केवल दिल्ली को एक श्रद्धा की राजधानी बनाने का प्रयास है, बल्कि यह दिखाता है कि सरकार हर धर्म और परंपरा का सम्मान करती है। यह घोषणा न केवल श्रद्धालुओं के लिए सुकून देने वाली है, बल्कि प्रशासनिक रूप से भी एक महत्वपूर्ण कदम है।
दिल्ली अब तैयार है – श्रद्धा, सेवा और सत्कार के संग – कांवड़ यात्रा के स्वागत के लिए।
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