उत्तराखंड में चारधाम यात्रा का आगाज अप्रैल से होने जा रहा है। गंगोत्री-यमुनोत्री के कपाट 30 अप्रैल को, केदारनाथ धाम के 2 मई को, बद्रीनाथ धाम के 4 मई को और हेमकुंड साहिब के कपाट 25 मई को खुलेंगे। इस बार यात्रा के दौरान प्रशासन ने कुछ नए नियम लागू किए हैं, जिनमें विशेष रूप से सोशल मीडिया पर वीडियो और रील बनाने वालों के लिए दिशा-निर्देश शामिल हैं। अब मंदिर के अंदर वीडियो और रील बनाने पर पूरी तरह से पाबंदी लगा दी गई है। यदि कोई श्रद्धालु रील या वीडियो बनाते हुए पकड़ा जाता है, तो उसे बिना दर्शन किए वापस भेज दिया जाएगा।
VIP दर्शन पर भी रोक

हर साल लाखों श्रद्धालु चारधाम यात्रा के लिए आते हैं, और इस बार 9 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने रजिस्ट्रेशन करा लिया है। इस बार के चारधाम यात्रा में VIP दर्शन भी बंद कर दिए गए हैं। बद्रीनाथ धाम के पंडा पंचायत के कोषाध्यक्ष अशोक टोडरिया ने कहा कि पैसे लेकर दर्शन करवाना भगवान की मर्यादा के खिलाफ है, इसलिए अब सभी श्रद्धालु सामान्य दर्शन ही कर सकेंगे, ताकि हर किसी को दर्शन का समान अवसर मिल सके।
ऑनलाइन और ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था
यात्रा मार्ग को 10-10 किलोमीटर के हिस्सों में बांटा गया है, और हर हिस्से में 6 पुलिसकर्मी तैनात किए जाएंगे। यात्रा को व्यवस्थित ढंग से चलाने के लिए सरकार ऑनलाइन और ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन की सुविधा प्रदान करेगी। इस बार 60 प्रतिशत रजिस्ट्रेशन ऑनलाइन और 40 प्रतिशत ऑफलाइन होंगे। पर्यटन विभाग के अनुसार, इस साल श्रद्धालुओं की संख्या अधिक होने की संभावना है, इसलिए नए व्यवस्थापन के तहत रजिस्ट्रेशन किया जाएगा। सरकार का उद्देश्य यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं की भीड़ को नियंत्रित करना है, ताकि उन्हें किसी भी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े।
ऋषिकेश और हरिद्वार में बनाए जाएंगे रजिस्ट्रेशन काउंटर
यात्रा से पहले श्रद्धालुओं को अपनी बुकिंग कन्फर्म करानी होगी, जिससे यात्रा में कोई असुविधा न हो। ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन के लिए ऋषिकेश और हरिद्वार में काउंटर बनाए जाएंगे।
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