नई दिल्ली।
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के बहनोई रॉबर्ट वाड्रा की मुश्किलें एक बार फिर बढ़ गई हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने उन्हें हथियार डीलर संजय भंडारी से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूछताछ के लिए आज तलब किया है। यह मामला प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत दर्ज किया गया है।
पहले भी हो चुकी है पेशी से चूक
इससे पहले रॉबर्ट वाड्रा को 10 जून को पूछताछ के लिए बुलाया गया था, लेकिन उन्होंने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए पेशी से इनकार कर दिया था। उनके वकील ने बताया था कि वाड्रा को 9 जून को फ्लू जैसे लक्षण महसूस हुए थे, जिसके बाद उन्होंने कोविड टेस्ट कराया। वकील ने यह भी स्पष्ट किया था कि वाड्रा समन से बचने की कोशिश नहीं कर रहे हैं और वे कभी भी जांच में सहयोग देने को तैयार हैं।
तीन अलग-अलग मनी लॉन्ड्रिंग मामलों में जांच
रॉबर्ट वाड्रा फिलहाल प्रवर्तन निदेशालय की तीन अलग-अलग मनी लॉन्ड्रिंग मामलों की जांच के दायरे में हैं। इनमें एक मामला हरियाणा में 2008 की एक जमीन डील से जुड़ा है, जिसमें अप्रैल में ED ने उनसे तीन दिन तक लगातार पूछताछ की थी।
क्या है संजय भंडारी कनेक्शन?
मौजूदा मामला ब्रिटेन में बसे आर्म्स डीलर संजय भंडारी से जुड़ा हुआ है। जांच एजेंसी का शक है कि वाड्रा की कुछ विदेशी संपत्तियों का लेन-देन भंडारी के साथ कथित रूप से जुड़ा हुआ है। ईडी पहले भी वाड्रा की लंदन स्थित एक संपत्ति को लेकर सवाल पूछ चुकी है, जिसे लेकर भंडारी की भूमिका संदिग्ध मानी जा रही है।
राजनीतिक बयानबाज़ी तेज़
रॉबर्ट वाड्रा को एक बार फिर ईडी के समन मिलने के बाद राजनीतिक गलियारों में भी हलचल तेज़ हो गई है। कांग्रेस ने अतीत में इन जांचों को “राजनीतिक बदले की कार्रवाई” करार दिया है, जबकि भाजपा इन मामलों को कानून के अनुसार जांच की प्रक्रिया बताती रही है।
आगे की कार्रवाई पर निगाहें
आज की पूछताछ के बाद ईडी अगली कार्रवाई की दिशा तय करेगी। यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि क्या रॉबर्ट वाड्रा को इस मामले में आगे भी पूछताछ के लिए बुलाया जाएगा या नहीं। अभी तक वाड्रा की ओर से किसी तरह की सार्वजनिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है।
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