तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी ने सोमवार को हैदराबाद स्थित प्रोफेसर जयशंकर तेलंगाना एग्रीकल्चरल यूनिवर्सिटी (PJTAU) में वाना महोत्सव 2025 का शुभारंभ करते हुए राज्य में पर्यावरण संरक्षण और महिला सशक्तिकरण को लेकर अपनी सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई।
रेवंत रेड्डी ने इस मौके पर न सिर्फ पर्यावरणीय चेतना का संदेश दिया, बल्कि महिलाओं को सशक्त बनाने की दिशा में कई बड़े घोषणाएं भी कीं, जिससे यह कार्यक्रम सामाजिक और राजनीतिक दृष्टि से भी ऐतिहासिक बन गया।
18 करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य: तेलंगाना को बनाएंगे ग्रीन ज़ोन
मुख्यमंत्री ने बताया कि इस साल राज्य भर में 18 करोड़ पौधों के रोपण का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने यह भी बताया कि इस पहल का उद्देश्य तेलंगाना को “पूर्ण ग्रीन ज़ोन” बनाना है, जिससे न केवल पर्यावरण की रक्षा होगी, बल्कि आने वाली पीढ़ियों को भी स्वच्छ हवा और हरित जीवन मिलेगा।
रेवंत रेड्डी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हालिया आह्वान को दोहराते हुए कहा:
“जिस तरह हम अपने बच्चों की परवरिश करते हैं, उसी तरह यदि हम पेड़ों की भी देखभाल करें, तो प्रकृति हमारी रक्षा खुद करेगी।”
उन्होंने राज्य की महिलाओं, विशेषकर माताओं से आग्रह किया कि वे अपने बच्चों के नाम पर पौधे लगाएं, और यह परंपरा तेलंगाना की नई पहचान बने।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने रुद्राक्ष का पौधा रोपित कर वाना महोत्सव की औपचारिक शुरुआत की।
महिला सशक्तिकरण की दिशा में बड़ा वादा: अगली चुनाव में 60 सीटें महिलाओं को
मुख्यमंत्री ने वाना महोत्सव मंच से महिला आरक्षण के मुद्दे को भी पूरी ताक़त से उठाया। उन्होंने ऐलान किया कि आगामी विधानसभा चुनावों में कांग्रेस पार्टी 60 टिकटें महिला उम्मीदवारों को देगी।
यह वादा ऐसे समय आया है जब 33% महिला आरक्षण को लेकर संसद में चर्चा तेज है, और 2029 तक इसे सभी विधानसभाओं और लोकसभा में लागू किया जाना है।
“हमारी सरकार जनता की सरकार है। हम ग्रामीण और शहरी महिलाओं को बराबर अवसर देकर नया इतिहास लिख रहे हैं,” मुख्यमंत्री ने कहा।
21,000 करोड़ का कर्ज़ महिला स्व-सहायता समूहों को: गांव-शहर दोनों में सशक्तिकरण का प्रयास
मुख्यमंत्री ने बताया कि वर्ष 2025 में राज्य सरकार ने 21,000 करोड़ रुपये के ऋण महिला स्व-सहायता समूहों (SHGs) को वितरित किए हैं। यह महिला आर्थिक स्वावलंबन की दिशा में एक बड़ी उपलब्धि है।
रेवंत रेड्डी ने आगे बताया:
- तेलंगाना में महिलाएं अब फ्री बस यात्रा का लाभ उठा रही हैं।
- 1000 आरटीसी बसें अब महिलाओं द्वारा संचालित और स्वामित्व में हैं, जिसे एक अभिनव सार्वजनिक-निजी भागीदारी के तहत शुरू किया गया।
- हाइटेक सिटी, हैदराबाद में महिलाओं के लिए विशेष मार्केटिंग प्लेटफॉर्म बनाए गए हैं, जहां वे अपने उत्पादों को मल्टीनेशनल कंपनियों को प्रदर्शित कर सकती हैं।
“इंदिरम्मा राज्यम” का सपना: एक करोड़ महिला मिलेनियर्स बनाने का लक्ष्य
रेवंत रेड्डी ने अपने विज़न “इंदिरम्मा राज्यम” की फिर से चर्चा करते हुए बताया कि सरकार का लक्ष्य एक करोड़ महिलाओं को मिलेनियर बनाना है।
इस उद्देश्य के लिए अब महिला SHGs को केवल ग्रामीण इलाकों तक सीमित न रखते हुए, शहरी क्षेत्रों तक विस्तार किया जाएगा।
उन्होंने कहा:
“हमारा प्रयास है कि हर महिला आत्मनिर्भर बने — वह उद्योग चलाए, स्कूलों का प्रबंधन करे, सोलर प्लांट संचालित करे और समाज को नेतृत्व दे।”
वन महोत्सव में लगे मेले और फोटो प्रदर्शनी भी रहे आकर्षण का केंद्र
कार्यक्रम के दौरान एक फोटो प्रदर्शनी का भी आयोजन किया गया, जिसमें तेलंगाना के वनीकरण प्रयासों, महिला सहभागिता और सतत विकास परियोजनाओं की झलक दी गई।
मुख्यमंत्री ने यूनिवर्सिटी के छात्रों, वैज्ञानिकों और समाजसेवियों से भी मुलाकात की और “ग्रीन मिशन” में उनकी भागीदारी की सराहना की।
कार्यक्रम में मौजूद प्रमुख हस्तियां
वाना महोत्सव 2025 के शुभारंभ अवसर पर राज्य की कई प्रमुख हस्तियां मौजूद रहीं:
- वन मंत्री कोण्डा सुरेखा
- मुख्यमंत्री के सलाहकार वें नरेंद्र रेड्डी
- सांसद मल्लू रवि
- विधायक प्रकाश गौड़
- विधान परिषद के व्हिप पत्नम महेन्दर रेड्डी
- विश्वविद्यालय के कुलपति एल्डास जनैयाह
राष्ट्रीय स्तर पर तालमेल की कोशिश: मुख्यमंत्री का दिल्ली दौरा
वाना महोत्सव के बाद मुख्यमंत्री दिल्ली रवाना हो गए, जहां वे केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रियों से मुलाकात करेंगे।
इस दौरे में उनके प्रमुख एजेंडे होंगे:
- तेलंगाना के विकास परियोजनाओं के लिए अनुमोदन और फंडिंग की मांग।
- केंद्र-राज्य समन्वय को और मजबूत करना।
निष्कर्ष: एक साथ हरियाली और हक़ की ओर
मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी का वाना महोत्सव 2025 कार्यक्रम तेलंगाना में सामाजिक, आर्थिक और पर्यावरणीय परिवर्तन की एक बड़ी झलक पेश करता है।
यह न केवल हरियाली फैलाने की पहल है, बल्कि हजारों महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने का वचन भी है।
रेवंत रेड्डी का संदेश साफ है —
“अगर हम प्रकृति को संतान की तरह पालें और महिलाओं को सम्मान और अवसर दें, तो कोई ताक़त हमें समृद्ध, सुरक्षित और स्वच्छ तेलंगाना बनने से नहीं रोक सकती।”
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