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राष्ट्रीय चिकित्सा दिवस पर डॉ. राजेंद्र धमीजा को “मेडिकल बिरादरी के रत्न” सम्मान: न्यूरोलॉजी में तीन दशक की सेवा का ऐतिहासिक सम्मान

Dr. Rajendra Dhamija honored with “Gem of Medical Fraternity”: Grand program at Delhi Secretariat on National Doctor's Day

हर साल की तरह इस वर्ष भी 1 जुलाई को राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस बड़े ही श्रद्धा, कृतज्ञता और सम्मान के साथ मनाया गया। यह दिन उन समर्पित चिकित्सकों को नमन करने का अवसर है, जो न केवल बीमारियों से लड़ते हैं, बल्कि मानवता की सेवा में अपना जीवन समर्पित कर देते हैं। इसी कड़ी में दिल्ली सरकार द्वारा दिल्ली सचिवालय में एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जहां दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने शहर के कुछ विशिष्ट डॉक्टरों को “मेडिकल बिरादरी के रत्न” सम्मान से अलंकृत किया।

इस कार्यक्रम में न्यूरोलॉजी के क्षेत्र में अग्रणी विशेषज्ञ डॉ. राजेंद्र धमीजा को उनके अमूल्य योगदान के लिए यह सम्मान प्रदान किया गया, जो न केवल उनके 30 वर्षों के समर्पण की मान्यता है, बल्कि भारत में ब्रेन हेल्थ को लेकर किए गए क्रांतिकारी कार्यों का भी प्रतीक है।


✳️कार्यक्रम की शुरुआत: श्रद्धांजलि, संकल्प और प्रेरणा

दिल्ली सचिवालय के सभागार में आयोजित इस समारोह का माहौल बेहद भावुक और प्रेरणादायक रहा। दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने मंच से संबोधन करते हुए डॉक्टरों को भारत की सबसे मूल्यवान संपत्ति बताया। उन्होंने कहा:

“मैं आपको यह नहीं बता सकती कि आपको क्या करना चाहिए, क्योंकि आपका अनुभव और ज्ञान मुझसे कहीं अधिक है। लेकिन मैं आपसे हाथ जोड़कर विनती करती हूं कि दिल्ली में कोई भी व्यक्ति केवल इसलिए न मरे कि उसे समय पर इलाज नहीं मिला।”

मुख्यमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि दिल्ली सरकार स्वास्थ्य सेवा को प्राथमिकता देने के लिए हर संभव कदम उठा रही है, लेकिन यह तभी संभव है जब चिकित्सक समुदाय भी समान संवेदनशीलता और समर्पण के साथ कार्य करे।


डॉ. राजेंद्र धमीजा: ब्रेन हेल्थ के संरक्षक

समारोह में जब डॉ. राजेंद्र धमीजा का नाम मंच से पुकारा गया, तो तालियों की गड़गड़ाहट से पूरा हॉल गूंज उठा। यह सम्मान न्यूरोलॉजी के क्षेत्र में उनके 30 वर्षों के अथक परिश्रम का सार्वजनिक और संस्थागत स्वीकार था।

मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा:

“यह पुरस्कार मेरे लिए केवल व्यक्तिगत सम्मान नहीं, बल्कि पूरे उस मिशन की मान्यता है जो मैंने ब्रेन हेल्थ को लेकर शुरू किया था। आज देश के अलग-अलग हिस्सों में जो ब्रेन हेल्थ क्लिनिक्स स्थापित हुए हैं, वे इसी लक्ष्य की उपज हैं – कि हर व्यक्ति को समय पर न्यूरोलॉजिकल देखभाल मिले।”


मेडिकल करियर की शुरुआत से लेकर अंतरराष्ट्रीय मंच तक

डॉ. धमीजा ने अपनी मेडिकल प्रैक्टिस की शुरुआत दिल्ली के लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज से की थी। उसी संस्थान में उन्होंने न्यूरोलॉजी विभाग की नींव भी रखी और कई छात्रों को प्रशिक्षित किया।

उनका सफर यहीं नहीं थमा। लंदन के प्रतिष्ठित रॉयल कॉलेज ऑफ फिजिशियन में वे इंटरनेशनल एडवाइजर हैं। साथ ही वे वर्ल्ड फेडरेशन ऑफ़ न्यूरो रिहैबिलिटेशन में मोमेंट डिसऑर्डर के अध्यक्ष के रूप में भी कार्य कर रहे हैं।

एक और महत्वपूर्ण तथ्य यह है कि वे पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के भी निजी चिकित्सक रह चुके हैं। यह उनकी चिकित्सा दक्षता और विश्वास का प्रमाण है।


ब्रेन हेल्थ क्लीनिक की अवधारणा

भारत में स्ट्रोक, मिर्गी, पार्किंसन, और अन्य ब्रेन-रिलेटेड बीमारियों की स्थिति चिंताजनक रही है। डॉ. धमीजा ने इस चुनौती को स्वीकार किया और ब्रेन हेल्थ क्लिनिक की अवधारणा को जन्म दिया।

आज ये क्लिनिक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों, सरकारी अस्पतालों और ग्रामीण क्षेत्रों में भी काम कर रहे हैं, जिससे समय पर निदान और इलाज संभव हो पा रहा है।


अन्य सम्मानित डॉक्टर

इस सम्मान समारोह में डॉ. धमीजा के अलावा दिल्ली के स्वास्थ्य क्षेत्र में योगदान देने वाले अन्य प्रमुख चिकित्सकों को भी सम्मानित किया गया:

  • डॉ. सर्वेश टंडन – बाल रोग विशेषज्ञ के रूप में उत्कृष्ट सेवाएं
  • डॉ. अनुपम सिब्बल – मेडिकल प्रशासन और पेडियाट्रिक गवर्नेंस में योगदान
  • डॉ. हरीश गुप्ता – जनरल मेडिसिन व कोविड मैनेजमेंट में भूमिका
  • डॉ. अनिल अग्रवाल – वृद्धजन स्वास्थ्य और जेरियाट्रिक्स में कार्य

इन सभी चिकित्सकों ने अपने वक्तव्यों में समाज को उचित, सुलभ और संवेदनशील स्वास्थ्य सेवाएं देने का संकल्प दोहराया।


डॉक्टरों का संकल्प और समाज के लिए संदेश

डॉ. धमीजा सहित सभी सम्मानित चिकित्सकों ने सार्वजनिक स्वास्थ्य की प्राथमिकता, सर्वसुलभ चिकित्सा व्यवस्था, और निरंतर अनुसंधान और नवाचार को भारत के स्वास्थ्य भविष्य की कुंजी बताया। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि मेडिकल साइंस केवल इलाज नहीं, बल्कि मानव जीवन की गुणवत्ता को बेहतर बनाने का माध्यम है।


युवाओं के लिए संदेश

डॉ. धमीजा ने इस अवसर पर युवा मेडिकल छात्रों और नए डॉक्टरों के लिए एक प्रेरणादायक संदेश भी दिया:

“मेडिकल सेवा केवल करियर नहीं, यह सेवा का संकल्प है। यदि हम इसे मिशन की तरह देखें, तो हम न केवल बीमारियों से लड़ेंगे, बल्कि समाज को स्वस्थ और सशक्त बनाएंगे।”


निष्कर्ष: एक आदर्श का सम्मान

राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस पर डॉ. राजेंद्र धमीजा को “मेडिकल बिरादरी के रत्न” सम्मान मिलना न केवल उनके व्यक्तिगत कार्यों की मान्यता है, बल्कि यह पूरी मेडिकल बिरादरी के लिए प्रेरणा है।

उनका समर्पण, सेवा और वैज्ञानिक सोच यह प्रमाणित करती है कि जब एक डॉक्टर केवल इलाज नहीं, बल्कि उद्देश्य लेकर आगे बढ़ता है, तब वह समाज के लिए रत्न बन जाता है

इस ऐतिहासिक दिन पर डॉक्टर धमीजा सहित सभी सम्मानित डॉक्टरों को हार्दिक बधाई और धन्यवाद – आपने न केवल लाखों जिंदगियों को छुआ है, बल्कि चिकित्सा के क्षेत्र में आदर्श भी स्थापित किया है

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