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सेवा, संवेदना और स्वास्थ्य: वैशाली में हुआ नि:शुल्क स्वास्थ्य जांच शिविर का प्रेरणादायक आयोजन

Service, compassion and health: An inspiring free health check-up camp was organized in Vaishali

आज के समय में जब स्वास्थ्य सेवाएं कई लोगों की पहुंच से बाहर होती जा रही हैं, ऐसे में समाज के कुछ जागरूक संगठन जब एकजुट होकर ज़रूरतमंदों की सेवा के लिए आगे आते हैं, तो यह न केवल राहत का माध्यम बनता है, बल्कि सामाजिक जिम्मेदारी की मिसाल भी बनता है। 29 जून 2025 को ऐसा ही एक उदाहरण देखने को मिला वैशाली सेक्टर-1 में, जहां सनातन धर्म सेवा समिति वैशाली और रोशन स्मृति फाउंडेशन के संयुक्त प्रयासों से एक नि:शुल्क स्वास्थ्य जांच शिविर का आयोजन किया गया।

इस कार्यक्रम में Roshan Smriti Assisting Living for Seniors और एवी हॉस्पिटल वैशाली ने भी सहयोग दिया। इस शिविर का मूल उद्देश्य था – स्थानीय नागरिकों, विशेषकर वरिष्ठ नागरिकों तक स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाना, और समाज में स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता फैलाना।

शिविर की सेवाएं और व्यवस्था

शिविर में जनरल मेडिसिन, डाइटीशियन, डेंटल और फिजियोथैरेपी जैसे विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम ने उपस्थित होकर अपनी सेवाएं दीं। न केवल परामर्श और जांचें दी गईं, बल्कि ब्लड प्रेशर, ब्लड शुगर, पल्स, यूरिया, क्रिएटिनिन और SGPT जैसी जांचें पूरी तरह नि:शुल्क की गईं।

यह न केवल लोगों के लिए आर्थिक राहत थी, बल्कि समय पर बीमारी की पहचान और परामर्श के माध्यम से उपचार की दिशा में पहला कदम भी सिद्ध हुई।

डॉक्टरों ने मरीजों को एलोपैथिक, आयुर्वेदिक और नैचुरोपैथी से संबंधित जीवनशैली सुधार, खानपान, योग और प्राकृतिक चिकित्सा के उपाय भी सुझाए। खासतौर से बुज़ुर्गों के लिए यह शिविर अत्यंत लाभकारी रहा क्योंकि उनमें से कई ऐसे थे जो नियमित रूप से अस्पताल जाकर चेकअप नहीं करवा पाते थे।

आयोजन की प्रेरक टीम

इस आयोजन की सफलता का श्रेय प्रमोद कुमार सिंघल और उनकी समर्पित टीम को जाता है। एम.पी. पाठक, अरुण चौबे, राजेश ओझा, डॉ. बिपिन चौहान और कमल सराफ जैसे समर्पित कार्यकर्ताओं ने न सिर्फ आयोजन की व्यवस्था को सुचारू रूप से संभाला, बल्कि प्रत्येक आगंतुक को व्यक्तिगत सहायता और मार्गदर्शन भी प्रदान किया।

इन सभी का उद्देश्य केवल एक दिन का कार्यक्रम करना नहीं था, बल्कि समाज में यह संदेश देना था कि स्वास्थ्य सेवा को हर व्यक्ति तक पहुंचाना हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है।

बुज़ुर्गों की भावनात्मक प्रतिक्रियाएं

शिविर में आए कई बुज़ुर्गों की आंखों में संतोष और कृतज्ञता के भाव स्पष्ट रूप से दिख रहे थे। कुछ ने बताया कि उन्हें महीनों से अपने ब्लड शुगर या ब्लड प्रेशर की जांच कराने का मौका नहीं मिला था। किसी ने डॉक्टर से पहली बार इतनी विस्तार से बातचीत की थी।

एक 72 वर्षीय बुज़ुर्ग महिला ने कहा, “बेटा, आज मुझे ऐसा लगा जैसे कोई अपने परिवार के डॉक्टर के पास बैठा हो, न कोई फीस, न कोई जल्दीबाज़ी। बस समझदारी और अपनापन।”

समाज के लिए संदेश

रोशन स्मृति फाउंडेशन और सनातन धर्म सेवा समिति वैशाली की यह पहल इस बात को रेखांकित करती है कि जब समाज के लोग मिलकर कार्य करें, तो सरकारी संसाधनों की कमी के बावजूद स्वास्थ्य, सेवा और सम्मान हर दरवाज़े तक पहुंचाया जा सकता है।

इस आयोजन ने यह सिद्ध कर दिया कि स्वास्थ्य सेवा केवल अस्पतालों की चारदीवारी तक सीमित नहीं होनी चाहिए, बल्कि वह हर गली, हर मोहल्ले, हर कॉलोनी में जाकर लोगों को छूनी चाहिए — और यही सार्थक स्वास्थ्य सेवा का सही अर्थ है।

भविष्य की योजनाएं

शिविर के समापन पर आयोजकों ने यह भी बताया कि इस तरह के स्वास्थ्य शिविर अब नियमित अंतराल पर विभिन्न सेक्टरों और कॉलोनियों में लगाए जाएंगे, जिससे अधिक से अधिक लोग लाभ उठा सकें। साथ ही, आने वाले महीनों में महिलाओं के लिए विशेष स्वास्थ्य शिविर, नेत्र परीक्षण शिविर और टीकाकरण कार्यक्रम जैसे प्रयास भी किए जाएंगे।

निष्कर्ष

इस नि:शुल्क स्वास्थ्य शिविर ने सिर्फ लोगों की जांच नहीं की, बल्कि समाज के भीतर विश्वास, सेवा और सामूहिक उत्तरदायित्व की भावना को भी सशक्त किया।

यह पहल एक उदाहरण है कि जब सही सोच और सही लोग साथ आ जाएं, तो सीमित संसाधनों में भी बड़ा काम किया जा सकता है।

सेवा का यह प्रयास प्रेरणा है — और एक संदेश भी — कि हम सभी मिलकर एक स्वस्थ, सशक्त और संवेदनशील समाज की ओर बढ़ सकते हैं।

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