राजस्थान की राजधानी जयपुर के मुहाना इलाके से एक दिल दहला देने वाली खबर सामने आई है, जहाँ एक दंपती – 45 वर्षीय धर्मेंद्र चौधरी और उनकी 41 वर्षीय पत्नी सुमन – शुक्रवार को मृत पाए गए। प्रारंभिक जांच में पुलिस को आत्महत्या की आशंका है, हालांकि इस मौत के पीछे की असली वजह जानने की कोशिशें जारी हैं।
क्या हुआ उस रात?
मुहाना थाने के एसएचओ गुरभूपेंद्र सिंह के अनुसार, जब पुलिस को सूचना मिली और टीम मौके पर पहुंची, तो धर्मेंद्र का शव फंदे से लटका हुआ मिला, जबकि सुमन मृत अवस्था में बेड पर पड़ी थी। पुलिस को सुमन की गर्दन पर भी निशान मिले हैं, जिससे यह संकेत मिलते हैं कि उसने भी आत्महत्या की थी।
पुलिस अधिकारी के मुताबिक, शुरुआती जांच में यह संभावना जताई गई है कि सुमन ने पहले फांसी लगाकर आत्महत्या की और जब धर्मेंद्र ने उसे देखा, तो उसे फंदे से नीचे उतारा। सुमन को मृत पाकर धर्मेंद्र ने भी फांसी लगाकर अपनी जीवनलीला समाप्त कर ली।
CCTV फुटेज ने खोले कई राज़
इस मामले में पुलिस को जो सबसे अहम सुराग मिला है, वह है CCTV फुटेज। एक फुटेज में देखा गया है कि धर्मेंद्र अपनी कार स्टार्ट करने की कोशिश कर रहा है और सुमन उसे रोकने की कोशिश कर रही है। फुटेज में दोनों को बहस करते और कार के पास खड़े देखा गया। सुमन कार के सामने खड़ी होकर धर्मेंद्र को रोकने की कोशिश करती है, जबकि धर्मेंद्र कार को रिवर्स करने का प्रयास करता है।
एक अन्य फुटेज में दोनों पति-पत्नी को साथ अपार्टमेंट में दाखिल होते देखा गया है, जहाँ सुमन के हाथ में एक बैग था। यही वो आखिरी पल थे जब ये दोनों जिंदा देखे गए।
पड़ोसियों ने क्या बताया?
पड़ोसियों ने पुलिस को बताया कि दंपती ने हाल ही में यह फ्लैट खरीदा था और कुछ समय पहले ही वहाँ आकर रहने लगे थे। दोनों को अक्सर साथ देखा जाता था, लेकिन उनके निजी जीवन में क्या चल रहा था, इसकी कोई जानकारी पड़ोसियों को नहीं थी।
पड़ोसियों के अनुसार, दंपती शांत स्वभाव के थे और किसी से ज्यादा मेलजोल नहीं रखते थे। इसलिए यह घटना उनके लिए भी बेहद चौंकाने वाली रही।
दो मासूम बेटियों का क्या होगा?
इस दुखद घटना में सबसे हृदयविदारक पहलू यह है कि दंपती की दो बेटियाँ – एक 11 साल की और दूसरी 8 साल की – अब अनाथ हो गई हैं। घटना के समय दोनों बेटियाँ अपने पुश्तैनी घर, भरतपुर में थीं। पुलिस अब परिजनों से संपर्क कर रही है ताकि बच्चों की देखभाल और कानूनी प्रक्रिया आगे बढ़ाई जा सके।
क्यों उठाया ऐसा कदम?
पुलिस के अनुसार, अब तक आत्महत्या की मुख्य वजह स्पष्ट नहीं हो सकी है। हालांकि, CCTV फुटेज में दिखाई गई बहस और आपसी तनाव इस ओर संकेत करते हैं कि दंपती के रिश्ते में कुछ समय से दरारें थीं।
धर्मेंद्र और सुमन के बीच किस बात को लेकर अनबन थी, यह अब जांच का विषय है। पुलिस को दंपती के घर से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है। मोबाइल फोन, चैट्स और अन्य डिजिटल सबूतों की जांच की जा रही है।
पुलिस की आगे की कार्रवाई
पुलिस ने दोनों शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और आत्महत्या की पुष्टि के लिए फोरेंसिक रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है। साथ ही, पुलिस ने धर्मेंद्र और सुमन के फोन डेटा, सोशल मीडिया गतिविधियों और कॉल रिकॉर्ड्स को खंगालना शुरू कर दिया है, ताकि मौत की असली वजह सामने लाई जा सके।
मानसिक स्वास्थ्य और रिश्तों की चुनौतियां
यह घटना सिर्फ एक आपराधिक केस नहीं, बल्कि हमारे समाज के सामने मानसिक स्वास्थ्य और वैवाहिक रिश्तों में संवादहीनता की एक बड़ी चुनौती को उजागर करती है। दंपती के बीच क्या गलतफहमियाँ थीं, क्या वे मानसिक तनाव से गुजर रहे थे – यह जानना जितना ज़रूरी है, उतना ही ज़रूरी यह समझना है कि ऐसे हालात में सही समय पर मदद और संवाद कितना अहम हो सकता है।
निष्कर्ष
धर्मेंद्र और सुमन की मौत ने उनके परिवार, बच्चों और समाज को एक गहरी चोट दी है। दो मासूम बच्चियाँ अब जीवनभर इस सदमे को ढोएंगी। यह घटना हम सबके लिए एक चेतावनी है कि रिश्तों में संवाद बनाए रखना, मानसिक तनाव को नज़रअंदाज़ न करना, और समय पर काउंसलिंग या मदद लेना बेहद ज़रूरी है।
पुलिस जांच में आने वाले दिनों में और भी खुलासे हो सकते हैं, लेकिन एक बात साफ है—यह घटना सिर्फ दो जिंदगियों का अंत नहीं, बल्कि एक परिवार की बर्बादी है, जिसकी गूंज लंबे समय तक महसूस की जाएग
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