khabarhunt.in

खबर का शिकार

‘राजा साहब’: प्रभास की बहुप्रतीक्षित हॉरर-कॉमेडी फिल्म का अद्भुत महल और उससे जुड़ी दिलचस्प बातें

‘Raja Saheb’: The amazing palace of Prabhas’ much-awaited horror-comedy film and interesting facts related to it

दक्षिण भारत के सुपरस्टार प्रभास की अगली फिल्म राजा साहब को लेकर जबरदस्त उत्सुकता है। लेकिन इस फिल्म में सिर्फ प्रभास का स्टारडम ही नहीं, बल्कि एक और चीज़ है जो लोगों की निगाहें खींच रही है—वह है फिल्म का विशाल और रहस्यमय महल, जो फिल्म का असली हीरो कहा जा सकता है। इस महल का निर्माण एक फिल्म सेट के तौर पर नहीं, बल्कि एक जीवित इतिहास की तरह किया गया है। निर्देशक मारुति द्वारा निर्देशित यह फिल्म भारत की अब तक की सबसे बड़ी हॉरर-कॉमेडी बताई जा रही है, और इसका केंद्र है—एक 200 साल पुराना दिखने वाला भूतिया महल।

एक भव्य महल, जो VFX नहीं, हाथों से बना है

राजा साहब का यह महल कोई आम सेट नहीं है। यह 42,000 वर्ग फीट में फैला हुआ है और इसकी हर ईंट, हर दीवार, हर खंभा कलाकारों के हाथों से गढ़ा गया है। निर्देशक मारुति ने NDTV को बताया,

“यह प्रभास की फिल्म है, और इसलिए हर चीज़ को जीवन से बड़ा दिखाना जरूरी था। दर्शकों को उनसे भव्यता की उम्मीद रहती है, और हमने वही किया।”

इस दौर में जहाँ फिल्में हरे पर्दों और VFX के दम पर तैयार होती हैं, वहां इस फिल्म का सेट अपने आप में एक साहसिक और अद्वितीय प्रयास है। मारुति का मानना है कि यह महल “एक किरदार” की तरह काम करेगा, जो कहानी में रहस्य, डर और हास्य तीनों को गहराई से जोड़ता है।

सेट की बारीकियां: प्राचीनता की जीवंत पुनर्रचना

यह महल हैदराबाद से कुछ किलोमीटर दूर बनाया गया है और इसे तैयार करने में दो महीने लगे, लेकिन यह अगले एक साल से भी अधिक समय तक खड़ा रहा और शूटिंग के लिए पूरी तरह चालू रहेगा। महल की बनावट किसी गॉथिक हॉरर उपन्यास की याद दिलाती है। सेट के कुछ प्रमुख आकर्षण इस प्रकार हैं:

  • काला जादू वाला कमरा: इस कमरे में असली आग जलाई जाती है, और इसके लिए विशेष सुरक्षा उपाय किए गए हैं।
  • यातना कक्ष: पुरानी ज़माने की यातनाओं की कल्पना पर आधारित यह कमरा, डरावनी फिल्मों के प्रशंसकों के लिए एक रोमांचकारी अनुभव होगा।
  • भव्य पुस्तकालय: ऊंची छतें, लकड़ी की भारी अलमारियाँ और पुरानी किताबों की खुशबू लिए एक गूढ़ वातावरण।
  • लटकती जड़ों से सजे गलियारे: जो दर्शकों को जंगल और महल के बीच की दहशतभरी सीमा तक ले जाते हैं।
  • पुराने राजाओं जैसे शयनकक्ष: भारी बिस्तर, मोमबत्तियों की रोशनी और गाढ़े रंगों की सजावट के साथ एक भूतिया माहौल बनाते हैं।

हर खंभा, दरवाजा, छत और गलियारा हाथों से बनाया गया है। यहां तक कि पेड़ और उनकी जड़ें भी नकली नहीं, बल्कि स्कल्प्टेड और पेंटेड हैं ताकि वे वास्तविक लगें।

डिज़ाइन में छिपी है वर्षों की मेहनत और कल्पना

प्रोडक्शन डिज़ाइन टीम के प्रमुख ने बताया कि इस महल के डिज़ाइन में वर्षों की पढ़ाई, यात्राएं और स्केचिंग का योगदान है। उन्होंने कहा,

“हमने अलग-अलग हिस्सों में पुराने महलों और हवेलियों का अध्ययन किया। यूरोपीय गॉथिक आर्किटेक्चर और भारतीय हवेलियों का मेल इस डिज़ाइन में दिखेगा। यह पूरी तरह से टीम वर्क है। 1,000 से ज्यादा लोगों ने इस सेट पर काम किया है और अनगिनत स्केच बनाए गए।”

यह मेहनत सिर्फ फिल्म का माहौल रचने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह फिल्म को एक कालातीत एहसास देने के लिए की गई है, जिसमें दर्शक खुद को कहानी का हिस्सा महसूस करेंगे।

भव्यता और हॉरर का संतुलन

राजा साहब महज डरावनी कहानी नहीं है, बल्कि यह एक हॉरर-कॉमेडी है। और यही फिल्म की खासियत है। निर्देशक मारुति को हल्की-फुल्की कहानियों और हास्य के लिए जाना जाता है, लेकिन इस बार उन्होंने डर को भी उसी बारीकी से बुना है। उन्होंने यह सुनिश्चित किया है कि सेट सिर्फ डराने के लिए न हो, बल्कि उसमें हास्य और रहस्य का ऐसा संतुलन हो, जो दर्शकों को अंत तक बांधे रखे।

प्रभास, जो इस फिल्म में मुख्य भूमिका निभा रहे हैं, खुद इस सेट को लेकर बेहद उत्साहित हैं। एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा,

“जब मैंने पहली बार यह सेट देखा, तो मुझे विश्वास ही नहीं हुआ कि यह सब हाथ से बनाया गया है। इसमें चलना ऐसा लगता है जैसे आप किसी और युग में पहुंच गए हों।”

प्रभास और दर्शकों की उम्मीदें

बाहुबली के बाद प्रभास से दर्शकों को हमेशा एक ‘larger than life’ अनुभव की अपेक्षा होती है। भले ही उन्होंने साहो या आदिपुरुष जैसी फिल्मों में मिश्रित प्रतिक्रियाएं पाईं हों, लेकिन उनकी फिल्मों का स्केल और सेट डिज़ाइन हमेशा चर्चा में रहता है। राजा साहब भी उसी कड़ी में एक अनूठा प्रयास है, जो दर्शकों को भारतीय सिनेमा की एक नई हॉरर-कॉमेडी दुनिया में ले जाएगा।

रिलीज़ डेट और उम्मीदें

राजा साहब 5 दिसंबर, 2025 को सिनेमाघरों में रिलीज़ होगी। इसे लेकर फिल्म समीक्षकों और दर्शकों में पहले से ही काफी उत्साह है, और इसकी सेटिंग और थीम को देखते हुए यह फिल्म साल की सबसे बड़ी विजुअल ट्रीट साबित हो सकती है।

निष्कर्ष

राजा साहब सिर्फ एक फिल्म नहीं, बल्कि एक अनुभव है। एक ऐसा अनुभव जो दर्शकों को 200 साल पुराने भूतिया महल की रहस्यमयी गलियों में ले जाएगा। प्रभास की मौजूदगी, मारुति का निर्देशन, और महल जैसा सेट—इन सबका मेल इस फिल्म को न सिर्फ भारत की सबसे बड़ी हॉरर-कॉमेडी बना सकता है, बल्कि यह साबित कर सकता है कि भारतीय सिनेमा अब भी बिना VFX के, सिर्फ कल्पना और मेहनत के दम पर चमत्कार रच सकता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *