सोमवार को पाकिस्तान में एक बार फिर भूकंप के झटके महसूस किए गए। भारत के नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (NCS) के मुताबिक, यह भूकंप दोपहर 1:26 बजे (भारतीय समयानुसार) आया और इसकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 4.6 मापी गई। पिछले कुछ हफ्तों में यह पाकिस्तान में आने वाला पांचवां भूकंप है, जिससे लोग डर और चिंता में हैं। लगातार आ रहे इन झटकों को लेकर सोशल मीडिया पर कुछ लोग यह अटकलें लगा रहे हैं कि कहीं यह किसी परमाणु परीक्षण का असर तो नहीं। हालांकि, भारत और अमेरिका की ओर से ऐसी किसी गतिविधि की अब तक कोई पुष्टि नहीं की गई है।

पाकिस्तान में लगातार आ रहे भूकंप, बलूचिस्तान और खैबर पख्तूनख्वा सबसे ज्यादा प्रभावित
नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (NCS) के मुताबिक, 12 मई को पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत के एक दूर-दराज इलाके में भूकंप आया। इसकी तीव्रता 4.6 मापी गई और भूकंप की गहराई 10 किलोमीटर थी। अच्छी बात यह रही कि इससे किसी बड़े नुकसान या जनहानि की कोई खबर नहीं मिली। इसके पहले, 10 मई को दो बार भूकंप महसूस किए गए। पहला भूकंप सुबह 1:44 बजे आया जिसकी तीव्रता 4.0 थी और इसका केंद्र बलूचिस्तान में अफगानिस्तान सीमा के पास था। उसी दिन सुबह एक और तेज भूकंप आया जिसकी तीव्रता 5.7 मापी गई। 5 मई को भी 4.2 तीव्रता का भूकंप खैबर पख्तूनख्वा के चित्राल जिले के पास आया, जिसकी गहराई 10 किलोमीटर थी। वहीं, इससे पहले 30 अप्रैल को रात 9:58 बजे 4.4 तीव्रता का भूकंप दर्ज किया गया, जिसका केंद्र 50 किलोमीटर गहराई में था। लगातार आ रहे इन भूकंपों से लोग डरे हुए हैं, हालांकि अब तक किसी बड़े नुकसान की जानकारी नहीं है।

क्या पाकिस्तान में हो रहा है परमाणु परीक्षण? सोशल मीडिया पर उठे सवाल
पाकिस्तान में हाल ही में आए लगातार भूकंपों ने लोगों के बीच कई तरह के सवाल खड़े कर दिए हैं। ये झटके ऐसे समय में महसूस किए गए हैं जब भारत और पाकिस्तान के रिश्तों में पहले से ही तनाव बना हुआ है। खासतौर पर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कई यूजर्स इन भूकंपों को परमाणु परीक्षण से जोड़ रहे हैं। लोगों का कहना है कि बार-बार एक ही क्षेत्र बलूचिस्तान में भूकंप आना सामान्य नहीं लगता। याद दिला दें कि 1998 में पाकिस्तान ने यहीं पर अपना न्यूक्लियर टेस्ट किया था। एक यूजर ने लिखा, “पाकिस्तान में लगातार भूकंप आ रहे हैं, वो भी एक ही इलाके में… क्या ये परमाणु परीक्षण हो सकता है?” हालांकि, इन अटकलों को लेकर अभी तक भारत या अमेरिका की तरफ से कोई आधिकारिक पुष्टि या बयान नहीं आया है।

ट्रंप के बयान से और बढ़ीं अटकलें, क्या वाकई चल रहा है न्यूक्लियर टेस्टिंग का खेल?
पाकिस्तान में हाल ही में आए लगातार भूकंपों को लेकर पहले ही कई तरह की बातें हो रही थीं, लेकिन जब अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत और पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता का दावा किया, तो इन अटकलों को और हवा मिल गई। ट्रंप ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘ट्रुथ सोशल’ पर लिखा कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव कम करवाने में मदद की है। उन्होंने यह भी कहा कि अगर ये तनाव और बढ़ता, तो इससे लाखों मासूमों की जान जा सकती थी। लोगों का मानना है कि ट्रंप का “लाखों लोगों की मौत” वाला बयान कहीं न कहीं परमाणु युद्ध की ओर इशारा करता है, क्योंकि इतनी बड़ी तबाही सिर्फ परमाणु हथियार ही मचा सकते हैं। इस वजह से कुछ लोग ये सोचने लगे हैं कि पाकिस्तान में जो बार-बार भूकंप आ रहे हैं, वो कहीं न्यूक्लियर टेस्टिंग का नतीजा तो नहीं। हालांकि, अभी तक इसका कोई सबूत नहीं मिला है और जानकारों का कहना है कि पाकिस्तान वैसे भी एक भूकंप प्रभावित क्षेत्र है, इसलिए ऐसा हो सकता है कि ये झटके प्राकृतिक हों, न कि मानव-निर्मित।

पाकिस्तान में क्यों बार-बार आते हैं भूकंप? जानिए खतरे की बड़ी वजह
पाकिस्तान भूकंप के लिहाज से दुनिया के सबसे संवेदनशील देशों में से एक है। इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि पाकिस्तान उस जगह पर बसा है जहां दो बड़ी टेक्टोनिक प्लेटें, यूरोशियन और भारतीय प्लेट आपस में टकराती हैं। यही टकराव भूकंप की बड़ी वजह बनता है। खासतौर पर बलूचिस्तान, खैबर पख्तूनख्वा, गिलगित-बाल्टिस्तान और POK जैसे इलाके ज्यादा खतरे में रहते हैं, क्योंकि ये जोन भूकंपीय गतिविधियों के बेहद करीब हैं। सिर्फ पाकिस्तान ही नहीं, इसके पड़ोसी अफगानिस्तान में भी अकसर तेज भूकंप आते रहते हैं, जिनमें कई बार भारी तबाही देखने को मिली है।
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