लखनऊ कोर्ट ने सुनवाई के दौरान लगाई फटकार, 14 अप्रैल को पेशी का आदेश
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ की एक अदालत ने वीर सावरकर पर की गई टिप्पणी को लेकर कांग्रेस नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी पर ₹200 का जुर्माना लगाया है। अदालत ने लगातार गैर-हाजिरी पर कड़ा रुख अपनाते हुए राहुल गांधी को 14 अप्रैल 2025 को हर हाल में पेश होने का निर्देश दिया।
क्या है पूरा मामला?
वकील नृपेंद्र पांडेय ने वर्ष 2022 में धारा 156 (3) दंड प्रक्रिया संहिता (CRPC) के तहत राहुल गांधी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। उन्होंने आरोप लगाया था कि 17 दिसंबर 2022 को महाराष्ट्र के अकोला में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान राहुल गांधी ने वीर सावरकर को ‘अंग्रेजों का नौकर’ और ‘पेंशन लेने वाला’ कहा था।
अदालत ने क्यों लगाया जुर्माना?

- शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि राहुल गांधी का बयान समाज में वैमनस्य और घृणा फैलाने के इरादे से दिया गया था।
- कोर्ट ने इस बयान को भारतीय दंड संहिता की धारा 153 (ए) और 505 के तहत दंडनीय अपराध माना।
- राहुल गांधी को कई बार समन भेजा गया, लेकिन वह पेश नहीं हुए।
- 5 मार्च 2025 को भी वह कोर्ट में उपस्थित नहीं हुए, जिसके बाद ₹200 का जुर्माना लगाया गया।
राहुल गांधी ने क्यों नहीं हुई पेशी?
राहुल गांधी के वकील प्रांशु अग्रवाल ने कोर्ट में अर्जी दाखिल कर बताया कि वह इस समय संसद में विपक्ष के नेता हैं और उनकी विदेशी गणमान्य व्यक्ति से पूर्व निर्धारित मुलाकात थी, इसलिए वह पेश नहीं हो सके।
कोर्ट का कड़ा रुख, अगली सुनवाई 14 अप्रैल को
कोर्ट ने राहुल गांधी को चेतावनी दी कि यदि 14 अप्रैल 2025 को भी वह पेश नहीं होते हैं तो उनके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी, जिसमें गैर-जमानती वारंट जारी किया जाना भी शामिल हो सकता है।
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