जनजागृति रथ यात्रा | संविधान जागरण अभियान : आज हम एक ऐसी जनजागृति रथ यात्रा की बात कर रहें हैं, जिसका उद्देश्य है— भारत की जनता को जागृत करना… संविधान को समझना… अधिकारों को जानना… और कर्तव्यों को पहचानना।
यह यात्रा केवल एक अभियान नहीं, बल्कि बाबा साहेब के सपनों को फिर से जगा देने की पहल है।
बाबा साहेब चाहते थे— “शिक्षित समाज… शिक्षित भारत।” लेकिन आजादी के इतने साल बाद भी ना किसी सरकार ने संविधान को अनिवार्य रूप से पढ़ाने की कोशिश की और ना ही नागरिकों को उनके अधिकारों की शिक्षा दी गई। यही वजह है कि हम मत देते तो हैं… पर उसके महत्व को नहीं समझते। हम कानून के बारे में सुनते तो हैं… लेकिन उसके अधिकारों को नहीं जानते।
धर्म, जाति, और संप्रदाय की राजनीति ने बाबा साहेब के सपनों को बार-बार कुचला। कुछ नेताओं ने आंबेडकर जी के नाम का उपयोग किया, लेकिन उनके उद्देश्य— शिक्षा, अधिकार और संविधान ज्ञान—को पीछे धकेल दिया।
क्या आपको पता है… कि संविधान ने हमें कौन-कौन से अधिकार दिए हैं?क्या आप जानते हैं कि आपके मत से चुना गया प्रतिनिधि आपकी समस्या सुनने और हल करने के लिए बाध्य है? लेकिन जानकारी के अभाव में चुनाव बाद नेता मिलते नहीं, और हम सोचते रहते— “अगली बार देख लेंगे।”
जबकि संविधान हमें यह अधिकार देता है कि यदि प्रतिनिधि काम न करे, तो जनता उसे उसके पद से हटाने तक का अधिकार रखती है!
लेकिन… हम यह जानते ही नहीं, क्योंकि हमें कभी सिखाया ही नहीं गया।
राष्ट्रपति से लेकर ग्राम प्रधान तक—सबके कर्तव्य और आपकी शक्ति.
क्या आपको मालूम है कि—भारत के राष्ट्रपति का कर्तव्य क्या है?प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, सांसद-विधायक की ज़िम्मेदारियाँ क्या हैं?
ग्राम प्रधान तक का अधिकार और दायित्व क्या तय है?
संविधान में सब स्पष्ट लिखा है— लेकिन हमने जानने की कोशिश ही नहीं की।
यह रथ यात्रा इसलिए निकली है, ताकि हर नागरिक अपने संविधान को जाने, अपना अधिकार समझे, और अपने प्रतिनिधियों से जवाब मांगना सीख सके।
ये जनजागृति रथ यात्रा कहती है— “संविधान पढ़ो… अधिकार जानो… और देश को मजबूत बनाओ।”
क्योंकि बाबा साहेब का सपना तभी पूरा होगा, जब भारत का हर नागरिक शिक्षित, जागरूक और अधिकारों के प्रति सतर्क होगा।
अगर चाहें तो मैं इस पैकेज के लिए VO (Voice Over स्क्रिप्ट), साउंड बाइट, स्क्रीन पर टेक्स्ट, या सोशल मीडिया पोस्ट वर्ज़न भी तैयार कर दूँ।















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