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Pappu Yadav: पप्पू यादव का बागेश्वर धाम के धीरेन्द्र शास्त्री पर निशाना

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उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में महाकुंभ का आयोजन हो रहा है, और इसी बीच पूर्णिया के सांसद पप्पू यादव ने बागेश्वर धाम के प्रमुख धीरेन्द्र शास्त्री के एक दावे पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। धीरेन्द्र शास्त्री ने यह दावा किया था कि अब तक महाकुंभ में 60 करोड़ लोग पहुंच चुके हैं। इस बयान को खारिज करते हुए पप्पू यादव ने तीखी टिप्पणी की और कहा कि हम ऐसे बाबा को ‘बंदर’ कहते हैं, जो आम जनता और गरीबों के बारे में कुछ भी बोल देता है। इसलिए, हम ऐसे विषयों पर चर्चा नहीं करते।

पप्पू यादव ने बागेश्वर धाम के दावे को खारिज किया

बेगूसराय में मीडिया से बातचीत के दौरान पप्पू यादव ने धीरेन्द्र शास्त्री के 60 करोड़ लोगों के कुंभ स्नान करने और हिंदुओं के जागने के बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि यह आस्था से जुड़ा आयोजन है, जो सदियों से चला आ रहा है। जब बागेश्वर धाम के लोग और उनके पूर्वज भी नहीं थे, तब से कुंभ का आयोजन हो रहा है। ऐसे में, इन लोगों को कुंभ के महत्व और इसकी ऐतिहासिकता का ज्ञान नहीं है।

उन्होंने आगे कहा, “हम ऐसे बाबा को बंदर कहते हैं, जो आम जनता और गरीबों के बारे में अनाप-शनाप बयान देता रहता है। इसलिए, हम इस तरह के लोगों की चर्चा नहीं करते।”

60 करोड़ के आंकड़े पर सवाल

महाकुंभ में 60 करोड़ लोगों के स्नान करने के दावे पर सवाल उठाते हुए पप्पू यादव ने कहा कि भारत की कुल आबादी लगभग 140 करोड़ है, जिसमें 23-24 करोड़ लोग जैन, बौद्ध, सिख, मुस्लिम और आंबेडकरवादी विचारधारा से जुड़े हैं। बाकी बचे 84 करोड़ में से भी अधिकांश ऐसे लोग हैं जो बुनियादी जरूरतों के लिए संघर्ष कर रहे हैं। उन्होंने सवाल उठाया कि अगर एक करोड़ लोग भी कुंभ में शामिल हो गए, तो दक्षिण भारत के लोग आमतौर पर इसमें कम संख्या में आते हैं। ऐसे में, यह आंकड़ा किस आधार पर तय किया गया?

उन्होंने आगे कहा कि अब डिजिटल माध्यम से भी कुंभ स्नान की बात की जा रही है, जो पूरी तरह से झूठ और धोखा है। उन्होंने व्यंग्य करते हुए कहा, “अब तो डिजिटल पर भी कुंभ मेला कर लो, डिजिटल स्नान भी होने लगा।” उन्होंने पूछा कि आखिर यह आंकड़ा कौन तय कर रहा है और किस तरह से लोगों की गिनती की जा रही है?

बाबाओं और राजनीति पर साधा निशाना

पप्पू यादव ने कहा कि सनातन धर्म हमेशा से मजबूत रहा है और पूरी दुनिया को आकर्षित करता है, लेकिन इसे बदनाम करने का काम कुछ तथाकथित बाबाओं और राजनेताओं ने किया है। उन्होंने कहा कि सनातन धर्म को इन लोगों की वजह से नुकसान हो रहा है, जो इसे महज एक राजनीतिक हथियार के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं।

उन्होंने अंत में कहा, “यह बेईमानी है। असल समस्या उन लोगों की है जिनकी मौत का आंकड़ा तक नहीं मिल पाता, जिनके लिए बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध नहीं हैं। ऐसे में, इस तरह के फर्जी दावों से सनातन धर्म को कमजोर करने की कोशिश की जा रही है।”

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