दिल्ली विधानसभा चुनाव के दौरान यमुना नदी की सफाई बड़ा चुनावी मुद्दा था। अब चुनाव खत्म हो चुके हैं, भारतीय जनता पार्टी (BJP) की जीत के बाद नई सरकार का गठन बाकी है, लेकिन इससे पहले ही यमुना सफाई अभियान तेज कर दिया गया है।

सफाई के लिए अत्याधुनिक मशीनों की तैनाती
उपराज्यपाल (LG) वीके सक्सेना के निर्देश पर दिल्ली सरकार के अधिकारी यमुना की सफाई में जुटे हैं। सफाई के लिए 4 स्कीमर मशीन, 2 वीड हार्वेस्टिंग मशीन और 1 डीटीयू मशीन समेत कुल 7 अत्याधुनिक मशीनों का उपयोग किया जा रहा है। अभियान की शुरुआत आईटीओ और वासुदेव घाट से हुई है।
फ्लड एंड इरिगेशन विभाग को मिली जिम्मेदारी
यमुना की सफाई की जिम्मेदारी दिल्ली सरकार के फ्लड एंड इरिगेशन विभाग को दी गई है। इस अभियान के तहत वजीराबाद से ओखला तक नदी में फैले ठोस कचरे को हटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। हालांकि, अभी नदी में कितना कचरा जमा है, इसका कोई निश्चित आंकड़ा नहीं है।
काले पानी से साफ पानी बनाने में लगेगा वक्त
यमुना नदी का पानी फिलहाल काले नाले में तब्दील हो चुका है। अधिकारियों के अनुसार, इसे साफ पानी में बदलने के लिए समय और कुशल प्रबंधन की आवश्यकता होगी। अलग-अलग एजेंसियों को मिलकर काम करना होगा ताकि अभियान सफल हो सके।
100 दिन के एजेंडे पर काम
10 फरवरी को हुई बैठक में दिल्ली सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों को नई सरकार के ‘विकसित दिल्ली संकल्प पत्र 2025’ के तहत 100 दिनों की कार्ययोजना बनाने का निर्देश दिया गया है। इसमें यमुना की सफाई और नदी में सीवेज के बहाव को रोकने के उपाय शामिल हैं। दिल्ली जल बोर्ड को राजधानी के विभिन्न इलाकों में सीवेज को नियंत्रित करने के लिए कदम उठाने के निर्देश दिए गए हैं।
यमुना सफाई अभियान को लेकर सरकार की सक्रियता दिखा रही है कि जल्द ही दिल्ली की लाइफलाइन कही जाने वाली यमुना के ‘अच्छे दिन’ आ सकते हैं।
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