जस्टिस सूर्यकांत ने भारत के 53वें मुख्य न्यायाधीश (CJI) के रूप में शपथ लेकर न्यायपालिका के नए अध्याय की शुरुआत की। राष्ट्रपति भवन के दरबार हॉल में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें पद की शपथ दिलाई। उन्होंने पूर्व CJI बी.आर. गवई का स्थान लिया है।
इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी मौजूद रहे।
उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म X पर लिखा—> “जस्टिस सूर्यकांत जी को उनके कार्यकाल के लिए हार्दिक शुभकामनाएं।”
राजनीतिक प्रतिक्रियाएँ
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने भी जस्टिस सूर्यकांत को बधाई देते हुए कहा—
> “उनका नेतृत्व न्यायपालिका में विश्वास और संवैधानिक मूल्यों को और मजबूत करेगा।”
कार्यकाल: कितने समय तक रहेंगे CJI?
जस्टिस सूर्यकांत का कार्यकाल
24 नवंबर 2025 से 9 फरवरी 2027 तक रहेगा।
इस प्रकार वे लगभग 14 महीने तक देश के सर्वोच्च न्यायिक पद पर रहेंगे।
जस्टिस सूर्यकांत ने पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट में अपने न्यायिक कार्यों और फैसलों से गहरी पहचान बनाई।
इसके बाद 5 अक्टूबर 2018 को वे हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश बने। वे अपनी—संवैधानिक समझ सादगी दृढ़ न्यायिक दृष्टि और बेदाग छवि के लिए जाने जाते हैं।
संपत्ति विवरण: सादगी की मिसाल
आधिकारिक रिकॉर्ड के अनुसार:
जस्टिस सूर्यकांत के पास कोई निजी वाहन नहीं है।
उनकी पत्नी के नाम पर एक वैगनआर कार दर्ज है।
उनके पास देशभर में 6 आवासीय संपत्तियां और 2 प्लॉट हैं।
इनमें शामिल हैं—
चंडीगढ़ सेक्टर-10 में 1 कनाल का घर
न्यू चंडीगढ़ इको सिटी-II में 500 गज का प्लॉट
चंडीगढ़ सेक्टर 18-C में 192 गज का घर
पंचकुला, गोलपुरा गांव में 13.5 एकड़ कृषि भूमि
गुरुग्राम, सुशांत लोक-I में 300 गज का प्लॉट
DLF-II, गुरुग्राम में 250 गज का घर
दिल्ली, ग्रेटर कैलाश-I में 285 गज संपत्ति का ग्राउंड फ्लोर और बेसमेंट
हिसार, पेटरवार में 12 एकड़ कृषि भूमि
हिसार अर्बन एस्टेट-II व पैतृक घर में एक-तिहाई हिस्सेदारी
“जस्टिस सूर्यकांत की सरल जीवनशैली, ईमानदार छवि और मजबूत संवैधानिक समझ ने उन्हें देश के सर्वोच्च न्यायिक पद तक पहुंचाया है। अब पूरे देश की निगाहें इस पर होंगी कि आने वाले 14 महीनों में वे न्यायपालिका में कौन-से नए मानक स्थापित करते हैं।”















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